न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया । पीठ ने यह भी आदेश दिया कि मामले से संबंधित सभी साक्ष्य एकत्रित किए जाएं, संरक्षित किए जाएं और फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा उनकी जांच की जाए।
पीठ ने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस इस घटना की जांच में मजबूत फोरेंसिक साक्ष्य भी शामिल करे, जिसमें आरोपी पुलिस की गोलीबारी में मारा गया था।
कानून में यह अनिवार्य किया गया है कि हिरासत में हुई प्रत्येक मृत्यु के मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा की जाए।
महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि सभी प्रासंगिक दस्तावेज जांच के लिए मजिस्ट्रेट को भेज दिए गए हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा,“ रिपोर्ट 18 नवंबर को हमारे समक्ष रखी जाए।”
अदालत आरोपी के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोपी शिंदे की मौत के मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है।
राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) मामले की जांच कर रहा है।