मल्लिकार्जुन खड़गे को भाजपा ने बताया दलित विरोधी, राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान करने का आरोप!
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। बिहार में एक सार्वजनिक सभा के दौरान खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम गलत उच्चारण कर "मुर्मा जी" कह दिया और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का नाम "कोविड" के रूप में उल्लेख किया। इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर दलित समुदाय के नेताओं का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है। बीजेपी ने इसे कांग्रेस की "दलित विरोधी" मानसिकता का हिस्सा बताया है।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने खड़गे के बयान को "निंदनीय" करार देते हुए कहा कि यह राष्ट्रपति मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद जैसे सम्मानित नेताओं के प्रति कांग्रेस की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कांग्रेस का इतिहास दलित नेताओं का अपमान करने का रहा है।" बीजेपी के एक अन्य नेता सीआर केसवान ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना की और इसे सुनियोजित अपमान बताया। उन्होंने 2022 में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू को "राष्ट्रपत्नी" कहने की घटना का भी जिक्र किया, जिसे बीजेपी ने तब भी दलित समुदाय के प्रति अपमानजनक माना था।
खड़गे ने अपने भाषण में बिहार की एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने पूर्णिया में जादू-टोना के शक में हुई हत्या का हवाला देते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार इस पर नियंत्रण करने में विफल रही है। हालांकि, बीजेपी ने खड़गे के इन बयानों को उनके नाम के गलत उच्चारण से जोड़कर इसे उनकी गलती को छिपाने की कोशिश बताया।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब देश में राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी तेज हो रही है। बीजेपी ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की है, ताकि कांग्रेस को दलित समुदाय के प्रति असंवेदनशील दिखाया जा सके। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और आने वाले दिनों में इस पर और चर्चा होने की संभावना है।