झारखंड: किसानों को धान खरीद का पैसा नहीं मिलने पर गरमाई राजनीति, भाजपा ने खेतों पर दिया धरना
किसानों के सवाल पर झारखण्ड की राजनीति गरमाई हुई है। पक्ष-विपक्ष आमने सामने है। किसानों को धान खरीद का पैसा नहीं मिलने और दूसरे सवालों को लेकर शुक्रवार को भाजपा पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करती रही तो कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किसानों की पक्षधरता दिखाते हुए कहा कि किसानें का करीब एक हजार करोड़ रुपये माफ किया है। धान खरीद के शेष बकाया का भी जल्द भुगतान हो जायेगा।
धान खरीद के बकाया भुगतान और बीज की कालाबाजारी के विरोध में शुक्रवार को भाजपा ने पूरे प्रदेश में धरना का आयोजन किया। खेतों में धरना का कॉल था। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और कांके विधायक समरी लाल कांके के सुकुरहुट्टू के गांव में धरना पर बैठे तो भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी गिरिडीह में। दीपक प्रकाश ने कहा कि किसान अपने बकाया के लिए नौ माह से सरकारी दफ्तर का चक्कर लगा रहे हैं। यूरिया की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है। सरकार को किसानों की चिंता नहीं है।
भाजपा के आंदोलन को देखते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हेमन्त सरकार ने प्रदेश के दो लाख 46 हजार किसानों का कर्ज माफ कर दिया है। इसके लिए बैंकों को 980 करोड़ रुपये दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज माफी सरका की प्राथमिकता में है। जहां तक धान खरीद का सवाल है लक्ष्य से ज्यादा खरीद हुई है। खरीद के एवज में करीब 943 करोड़ रुपये किसानों को अदा किया जाना है। 578 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है। 102 करोड़ और जिलों को भेजे गये हैं। जल्द ही शेष राशि का भुगतान हो जायेगा। 271 करोड़ के भुगतान के लिए एफसीआइ पर दबाव बनाया गया है।
झामुमो ने सत्ता में आते ही किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। सरकार के गठन के तत्काल बाद कर्ज माफी के लिए दो हजार करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया। किन किसानों का कितना कर्ज माफ हो, प्रक्रिया क्या हो इसकी प्रक्रिया लंबे समय तक चलती रही। यहां के कुल करीब नौ लाख किसान बैंकों के कर्जदार हैं जिनमें पांच लाख 61 हजार किसानों का डाटा अपलोड किया गया है।