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19 April 2025

भाषा विवाद पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने जताई चिंता, कहा- देशहित में गंभीर नुकसान हो सकता है

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जनगणना, नई शिक्षा नीति और भाषा को लेकर बढ़ते राजनीतिक टकराव पर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मुद्दों पर राजनीति करने से देशहित और जनहित दोनों को गंभीर नुकसान हो सकता है।

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा, "यह स्वाभाविक है कि जनगणना और उसके आधार पर लोकसभा सीटों के पुनः आवंटन के राजनीतिक लाभ के लिए राज्यों और केंद्र के बीच विवाद खड़े करना, नई शिक्षा नीति और भाषा को थोपना जनहित को प्रभावित करता है। सुशासन वही होता है जो संविधान के अनुसार पूरे देश को साथ लेकर चले।"

बसपा प्रमुख ने सरकारी स्कूलों, विशेषकर दलित, आदिवासी और समाज के हाशिए पर रहने वाले बच्चों की शिक्षा की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से अंग्रेजी शिक्षा पर अपने रुख का पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा, “सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के बच्चे अंग्रेज़ी भाषा के बिना आईटी और कुशल क्षेत्रों में कैसे आगे बढ़ेंगे? भाषा के प्रति घृणा अनुचित है।”

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मायावती ने बताया कि दिल्ली में हाल ही में आयोजित एक समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में बसपा के संगठन को मज़बूत करने और जनाधार को बढ़ाने पर विशेष रूप से चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “पश्चिम भारत के महाराष्ट्र और गुजरात तथा दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु व केरल में पार्टी संगठन की तैयारी और विस्तार को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। कार्यकर्ता पूरे तन-मन-धन से पार्टी कार्यों को आगे बढ़ाएं।”

मायावती ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में दलितों और गरीबों पर बढ़ते अत्याचारों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने गुरुवार को आगरा में दलित बारात पर हुए जातिवादी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दलितों व गरीबों पर अत्याचार की बढ़ती घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं। बसपा शासन में हमारी सरकार ने हमेशा अन्याय के विरोध में पीड़ितों का साथ दिया।”

उन्होंने यह भी दोहराया कि बसपा का लक्ष्य सिर्फ राजनीतिक सत्ता नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशी विकास है, और पार्टी इन मूल्यों के लिए हमेशा संघर्ष करती रहेगी।

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TAGS: BSP, Mayawati, Language dispute, New education policy, BJP, North south tussle
OUTLOOK 19 April, 2025
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