कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी महिला डॉक्टर की हत्या की जांच, जारी किए आदेश
कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर कांड ने इस समय पूरे देश को झकझोर के रख दिया है। इस मामले को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने एक बड़ा आदेश जारी करते हुए ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु (पीजीटी) डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और हत्या की सीबीआई जांच का आदेश दिया।
कोर्ट ने कोलकाता पुलिस से सभी दस्तावेज तुरंत सीबीआई को सौंपने को कहा है।
Calcutta High Court ordered a CBI investigation into RG Kar Medical College and Hospital rape-murder incident. Court asked to hand over all documents to CBI immediately. pic.twitter.com/rTBsmOIgsl
— ANI (@ANI) August 13, 2024
एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने इस खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "हम बहुत खुश और राहत महसूस कर रहे हैं कि मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया है। आरोपियों को अब जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।"
इससे पहले आज, एक महिला डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और हत्या के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) द्वारा मंगलवार से देशव्यापी ओपीडी सेवाओं को बंद करने के आह्वान के बाद डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने एम्स दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया।
बता दें कि उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को मंगलवार दोपहर 3 बजे तक छुट्टी का आवेदन जमा करने को कहा है।
यह घोष की कोलकाता में कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्ति के बाद हुआ है, जिसके तुरंत बाद उनके इस्तीफे के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।
इस कदम से जांच की ईमानदारी पर सवाल उठे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने इस नियुक्ति पर चिंता व्यक्त की और सवाल उठाया कि नैतिक जिम्मेदारी के कारण इस्तीफा देने के बाद किसी को फिर से कैसे नियुक्त किया जा सकता है?
संदीप घोष ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल के पद से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि अस्पताल परिसर में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बदनाम किया जा रहा है।
After several PILs were filed at the Chief Justice division bench of Calcutta High Court regarding RG Kar Medical College and Hospital rape-murder incident, Chief Justice mentioned in court today that how can the principal - who resigned by taking moral responsibility, be… pic.twitter.com/KSSl5C9a96
— ANI (@ANI) August 13, 2024
कलकत्ता हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ मंगलवार को इस मामले में कई जनहित याचिकाओं पर विचार कर रही थी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूर्व प्रिंसिपल की नियुक्ति पर सवाल उठाया।
अदालत ने कहा, "नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने वाले प्रिंसिपल को दूसरे सरकारी कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे नियुक्त किया जा सकता है? कोर्ट ने उनसे आज दोपहर 3 बजे तक छुट्टी का आवेदन जमा करने को कहा है या कोर्ट उन्हें पद छोड़ने का आदेश पारित कर देगा।"
अदालत ने आगे उल्लेख किया कि वह एक प्रशासनिक पद पर हो सकते हैं लेकिन उनसे पूछताछ की जानी चाहिए थी। अदालत ने राज्य के वकील से पूछा, "आप उन्हें क्यों बचा रहे हैं? उनका बयान दर्ज करें। वह जो भी जानते हैं, उन्हें बताने दें।"
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस मामले की केस डायरी आज अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया। इसमें प्रिंसिपल का त्यागपत्र और नियुक्ति पत्र भी पेश करने को कहा गया है।
अदालत ने कहा, "यह देखने की जरूरत है कि उन्होंने अपने इस्तीफे में क्या लिखा है।"
गौरतलब है कि कि पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने अपनी बेटी की दुखद मौत की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका का समर्थन कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) द्वारा किया गया है, जिसमें मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की गई है।