चढ़ूनी के बयान से साफ हो गया कि किसान आंदोलन कांग्रेस की ओर से प्रायोजित, पोषित था: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय किसान यूनियन के चढ़ूनी गुट के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बयान से यह साफ हो गया है कि जिस किसान आंदोलन को सहज और स्वाभाविक बताया गया था, वह दरअसल कांग्रेस की ओर से ‘प्रायोजित और पोषित’ था।
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक चढ़ूनी ने कहा है कि किसानों ने हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया था, लेकिन पार्टी ने सब कुछ वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर छोड़ दिया और उन्होंने किसी से कोई समझौता नहीं किया।
संयुक्त संघर्ष पार्टी के संस्थापक चढ़ूनी ने विधानसभा चुनाव में यही कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण बताया।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘चढ़ूनीजी का जो वक्तव्य आया है, उसने एक बार फिर उजागर कर दिया है कि कांग्रेस की जमीन के अंदर क्या छुपा हुआ है। वह (चढ़ूनी) स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि हमने कांग्रेस के पक्ष में किसान आंदोलन खड़ा करके माहौल बनाया और कांग्रेस इसका लाभ नहीं ले सकी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे एक बात बहुत साफ हो गई है कि जिस आंदोलन को सहज और स्वाभाविक आंदोलन कहा जा रहा था, वह कांग्रेस के द्वारा प्रायोजित और पोषित आंदोलन था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब मुझे लगता है कि कांग्रेस को इसके बाद शर्म से पानी-पानी हो जाना चाहिए।’’ भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस से इस मामले में सफाई देने की मांग की।
त्रिवेदी ने दावा किया कि देश में जितने भी आंदोलन खड़े होते हैं और जो गैर राजनीतिक होने का दावा करते हैं, उन सभी का अंतिम लक्ष्य सत्ता हासिल करना होता है।
इस क्रम में भाजपा प्रवक्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से बनी दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) का उल्लेख किया और इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया।
त्रिवेदी ने महिला पहलवानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि पहले इसे कांग्रेस का समर्थन मिला और फिर पहलवान खिलाड़ी ‘कांग्रेस के रिंग’ में ही उतर गए। उनका इशारा विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने और गोहाना से विधानसभा चुनाव लड़ने की ओर था।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘देश की प्रबुद्ध जनता को आगे से समझना चाहिए कि यह गैर राजनीतिक आवरण के नाम पर जो आंदोलन खड़े किए जाते हैं, उनका एकमात्र लक्ष्य सत्ता ही होता है।’’