Advertisement
04 September 2024

चीन पहुंचा रहा है देश की आर्थिक समृद्धि को नुकसान, कांग्रेस का सवाल- सरकार चुप क्यों है?

कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि चीन से अनियंत्रित आयात घरेलू स्तर पर ‘कहर’ बरपा रहा है. इसके साथ ही पार्टी ने सरकार पर देश की क्षेत्रीय अखंडता और आर्थिक समृद्धि को चीन द्वारा किए जा रहे नुकसान पर ‘सोची-समझी चुप्पी और ‘निष्क्रियता’ बनाए रखने का आरोप लगाया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि अनियंत्रित चीनी आयात और ‘डंपिंग’ पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया ‘बिखरी’ हुई है. उनकी टिप्पणी थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की उस रिपोर्ट पर आई जिसमें कहा गया है कि चीन से छाता, संगीत वस्तुओं जैसे सामान का आयात भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है. रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हर दिन चीनी आयात पर भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती निर्भरता पर नयी जानकारी आती है. आज हमें पता चला कि हमारे देश के लगभग 96 प्रतिशत छाते और 50 प्रतिशत से अधिक खिलौने और संगीत उपकरण चीन से आ रहे हैं.’’

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे प्रमुख उद्योगों में चीन से भारत का आयात लगभग नौ गुना बढ़ा है जो 2016-17 में 1.4 अरब डॉलर था और 2023-2024 में बढ़कर 12.1 अरब डॉलर हो गया है. रमेश ने कहा कि इस अवधि में भारत का दवा सामग्री आयात 1.6 अरब डॉलर से दोगुना होकर 3.3 अरब डॉलर हो गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि दुनिया भर की सरकारें चीन की औद्योगिक अतिक्षमता से और विदेशों में उसके माल की ‘डंपिंग’ को लेकर सजग हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वे अनियंत्रित चीनी आयात को प्रतिबंधित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही हैं और आर्थिक रूप से चीन के प्रति निर्भर होने के जोखिम के बजाय उससे ‘अलग होने’ को प्राथमिकता देने के लिए एकीकृत आर्थिक रणनीतियों का अनुसरण कर रही हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारी सीमाओं पर और हमारी भूमि के भीतर चीनी सैनिकों की ओर से बढ़ते राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के बावजूद, भारत सरकार इस मामले में सुस्ती बरत रही है.’’ 

उन्होंने कहा कि ‘टिकटॉक’ पर तो प्रतिबंध लगा दिया गया लेकिन आयात बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘चीन से अनियंत्रित आयात घरेलू स्तर पर कहर बरपा रहा है. उदाहरण के लिए, नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में भारत के लगभग 30-35 प्रतिशत स्टेनलेस स्टील एमएसएमई को बड़े पैमाने पर सस्ते चीनी आयात के कारण जुलाई से सितंबर 2023 के बीच बंद करना पड़ा है.’’ रमेश ने कहा कि इस क्षेत्र में 80 प्रतिशत एमएसएमई गुजरात में है और स्टील जैसे महत्वपूर्ण घरेलू उद्योग का इस तरह से ‘बर्बाद’ होना आर्थिक चुनौती और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा दोनों है. उन्होंने कहा कि चीन से आयात में वृद्धि को बर्दाश्त किया भी जा सकता था यदि इससे भारतीय विनिर्माण और निर्यात को समर्थन मिलता. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, भारत का विनिर्माण आधार सिकुड़ रहा है. जीडीपी के प्रतिशत के रूप में यह संप्रग के कार्यकाल के 16.5 प्रतिशत से गिरकर आज 14.5 प्रतिशत रह गया है.

Advertisement

श्रम-प्रधान विनिर्माण विशेष रूप से सुस्त रहा है. परिधान, चमड़ा, कपड़ा और जूते के वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2002 में 0.9 प्रतिशत थी. यह 2013 में बढ़कर 4.5 प्रतिशत के शिखर पर पहुंच गई. लेकिन बाद में 2022 में यह घटकर 3.5 प्रतिशत पर आ गई.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे समय में जब विनिर्माण वैश्विक स्तर पर प्राथमिकता बन रहा है और हार्डवेयर उत्पादन कृत्रिम मेधा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण बन गया है, भारत विनिर्माण में वृद्धि करने में अपनी असमर्थता के कारण पीछे है. उन्होंने दावा किया, ‘‘इस क्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ने की कोशिश करने के बजाय, चीन से अनियंत्रित आयात से हमारा मौजूदा विनिर्माण भी खोखला हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘19 जून, 2020 को चीन को नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की ‘क्लीन चिट’ आने वाले समय का संकेत थी. चीन द्वारा देश की क्षेत्रीय अखंडता और आर्थिक समृद्धि को किए जा रहे नुकसान पर एक रहस्यमयी चुप्पी और निष्क्रियता.’’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: China impact on indian economy, Indian economy, Jairam Ramesh, Congress, BJP, Narendra Modi
OUTLOOK 04 September, 2024
Advertisement