सीएम विजयन का बयान, चुनावी बॉण्ड से ध्यान भटकाने के लिए केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि चुनावी बॉण्ड घोटाला भारत में अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने इससे ध्यान भटकाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ रविवार को यहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा आयोजित तीसरी रैली को संबोधित करते हुए, विजयन ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और संघ परिवार देश में कानून के शासन को बहुत कम महत्व देते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि संघ परिवार संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है और यहां तक कि देश की न्यायपालिका को भी धमका रहा है। विजयन ने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार, भाजपा, संघ परिवार, ये सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि चुनावी बॉण्ड घोटाले पर उच्चतम न्यायालय का आदेश उनके खिलाफ था। वे इस विषय से ध्यान भटकाना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब चुनावी बॉण्ड का विचार आया था तो माकपा ने इसका विरोध किया था क्योंकि यह भ्रष्टाचार का एक उपकरण था और इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय चली गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘ चुनावी बॉण्ड घोटाला भारत में अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। उन्हें इस तरह के घोर भ्रष्टाचार में शामिल होने की हिम्मत कैसे मिली? उन्होंने (भाजपा) सोचा कि उनसे कभी सवाल नहीं किए जाएंगे।’’
विजयन ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से संघ परिवार यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि वे देश के कानून से ऊपर हैं और अपने एजेंडे को लागू करने के लिए कुछ भी करेंगे। वर्ष 2019 के सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन और उसके बाद दिल्ली में हिंसा तथा दंगों पर बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भड़काऊ नारों का जिक्र किया और कहा कि वह माकपा थी जिसने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
विजयन ने सीएए पर कांग्रेस के रुख को लेकर भी उस पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब पूरा देश इस विवादास्पद कानून का विरोध कर रहा है, कांग्रेस सांसद पार्टी अध्यक्ष द्वारा आयोजित भोज में भाग ले रहे हैं। विजयन ने कहा, ‘‘ विरोध प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस का कोई भी नेता मौजूद नहीं था। राहुल गांधी विदेश में थे। वे वाम नेता थे जिन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस समय हमारे पास अलाप्पुझा से केवल एक सांसद एएम आरिफ थे, जिन्होंने सीएए के खिलाफ बात की थी। अब, कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि उन्होंने तकनीकी रूप से अधिनियम का विरोध किया था।’’