इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी, गहलोत और पायलट से नहीं की मुलाकात
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के कारण राहुल गांधी इस्तीफा देने के अपने रुख पर कायम हैं। सूत्रों ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट गांधी से उनके तुगलक लेन स्थित आवास पर मिलने गए थे, लेकिन वे केवल प्रियंका से मिलने में कामयाब रहे। हालांकि सहयोगी द्रमुक और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे अपना निर्णय वापस लेने का आग्रह किया। वहीं, आज दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने राहुल गांधी से मुलाकात की।
सूत्रों ने कहा कि गांधी किसी से भी नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं के सी वेणुगोपाल और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अलावा दिन में केवल सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। बैठक के बारे में पूछे जाने पर, गहलोत और पायलट ने कहा कि वे राहुल गांधी के आवास पर अलग-अलग गए थे और वहां पर लगभग 20 मिनट बिताए थे।
कुछ प्रदेशों में कार्यकारिणी की बैठक
इस बीच, यह भी जानकारी सामने आई है कि बुधवार को कुछ प्रदेशों में कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक हैं जिनमें प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से यह अपील की जा सकती है कि वह अध्यक्ष पद पर बने रहें।
स्टालिन ने भी किया अनुरोध
द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अपने पद से नहीं हटने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी पार्टी भले ही आम चुनाव हार गयी लेकिन राहुल ने लोगों का दिल जीता है।
द्रमुक ने कहा कि राहुल के पद छोड़ने पर अड़े रहने की खबरों के बीच स्टालिन ने कांग्रेस के शीर्ष नेता से फोन पर बात की और उनसे पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का विचार छोड़ने की अपील की।
कांग्रेस नेताओं की मनाने की कोशिशें जारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी गांधी को इस्तीफे का फैसला वापस लेने के लिए मनाने की पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। वहीं केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले शशि थरूर ने कहा कि गांधी ने आगे रहकर पार्टी का नेतृत्व किया और उन्हें अभी पार्टी के लिए बहुत कुछ करना है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित और अन्य नेताओं ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह इस्तीफा वापस ले लें और पूरी कांग्रेस राहुल के साथ खड़ी है।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘उन्हें इस्तीफा देने के बजाय सभी स्तर पर नेताओं के इस्तीफे मांगने चाहिए और संगठन में बदलाव करने चाहिए।’’
कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने इस हार को ‘गुजरता हुआ एक दौर’ करार दिया। गांधी को पार्टी के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए मोइली ने कहा कि उनका पद छोड़ना सही नहीं होगा।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में की थी इस्तीफे की पेशकश
गौरतलब है कि गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया। खुद गांधी, कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर चुनाव हार गए पर केरल की वायनाड सीट पर उन्होंने जीत दर्ज की है।
कार्यकारिणी बैठक में नेताओं पर राहुल ने निशाना साधा था
कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं के ढीलेपन को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी से आगे अपने बेटों को रखा और उन्हें टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाया। हालांकि, राहुल गांधी ने किसी का नाम नहीं किया, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं के बेटे और बेटियों को हार का सामना करना पड़ा। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव शामिल हैं।
एजेंसी इनपुट्स