Advertisement
13 December 2024

कांग्रेस करती रही अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण; यूसीसी समय की मांग: भाजप

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल ने कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) समय की मांग है, जिसकी वकालत संविधान सभा के ज्यादातर सदस्यों ने भी की थी।

पाल ने ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर सहित संविधान सभा के विभिन्न सदस्यों ने देश में समान नागरिक संहिता की वकालत की थी, लेकिन विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि शाह बानो मामले में अल्पसंख्यक नेताओं के दबाव में तुष्टीकरण की खातिर तत्कालीन राजीव गांधी सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया गया था। उन्होंने कहा कि संविधान की दुहाई देने वालों ने न जाने कितनी बार संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं।

पाल ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को माथे पर कलंक करार देते हुए कहा कि इसे भी निरस्त करके कलंक धोने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-नीत सरकार ने ही किया है तथा इस ऐतिहासिक कदम का ही परिणाम है, ‘‘एक देश, एक विधान।’’

उन्होंने कहा कि संविधान के प्रति जितनी जिम्मेदारी सत्तापक्ष या सरकार की है, उससे कम जिम्मेदारी प्रतिपक्ष की नहीं है।

Advertisement

उन्होंने मोदी के उस बयान को भी उद्धृत किया जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘‘संविधान हमारे लिए गीता, कुरान, बाइबल है।’’

पाल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि जो संविधान की बात करते हैं, वे संसद की कार्यवाही में नियमित रूप से हिस्सा नहीं लेते, बल्कि इसके बजाय कभी हाथरस जाते हैं तो कभी संभल। उन्होंने कहा कि यह कैसा उत्तरदायित्व है।

उन्होंने मनमोहन सरकार के कार्यकाल के दौरान राहुल द्वारा एक विधेयक की प्रति फाड़े जाने की आलोचना करते हुए कहा कि संविधान के प्रति आदर रखने वाले लोग अपनी ही सरकार द्वारा तैयार एवं अपने ही मंत्रिमंडल में पारित मसौदा विधेयक को फाड़ देते हैं।

भाजपा सांसद ने कहा कि मोदी सरकार में ही आरक्षण की व्यवस्था को 2030 तक के लिए बढ़ाया गया तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जाति, धर्म, संप्रदाय से परे हर समुदाय को खुली हवा में सांस लेने की आजादी दी, इनमें मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसी प्रथा से मुक्ति भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर रोक संबंधी कानून पारित करके मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को खुली हवा में सांस लेने का अधिकार दिया।

पाल ने यूसीसी को लेकर विपक्ष को घेरने का प्रयास करते हुए कहा कि विपक्ष को यह जवाब देना चाहिए कि वह समान नागरिक संहिता के मामले में किसकी राय मानना चाहता है, क्योंकि आंबेडकर सहित संविधान सभा के ज्यादातर सदस्यों ने देश में यूसीसी लागू किये जाने की वकालत की थी।

भाजपा की डी पुरंदेश्वरी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि पड़ोसी देशों, पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल के संविधान एक से अधिक बार बदले जा चुके हैं, लेकिन भारत के संविधान ने 75 वर्ष पूरे कर लिये हैं और (यह) देश को दिशा दे रहा है।

उन्होंने अपने दिवंगत पिता को याद करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश में एनटी रामाराव की सरकार को तत्कालीन इंदिरा गांधी-नीत केंद्र सरकार ने असंवैधानिक तरीके से हटाया था और बाद में जनता ने उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Muslim appeasement, bjp, jagdambika pal, Uniform civil code, narendra modi
OUTLOOK 13 December, 2024
Advertisement