कांग्रेस के लिए सिद्धू बने नासूर, अब दिल्ली से भी नहीं मिल रही मदद
कभी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे विधायक नवजोत सिंह सिद्धू अब कांग्रेस को ही नासूर लगने लगे हैं। अपने ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह के खिलाफ मौर्चा खोलने वाले सिद्धू की कांग्रेस हाईकमान मंे भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है और न ही उनकी कैप्टन से सुलह कराने में हाईकमान हस्तक्षेप करना चाहता है। कैप्टन के खिलाफ सिद्धू के लगातार हमलावर बयानों के जवाब सिद्धू को कांग्रेस से निकालने के िलए कैप्टन के आधा दर्जन केबिनेट मंत्रियों ने मौर्चा खोल दिया है। सिद्धू को जल्द से जल्द कांग्रेस से चलता करने के िलए इन मंत्रियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से गुहार लगाई है। जल्द ही ये कांग्रेस हाईकमान से भी सिद्धू की पार्टी से विदाई के सिलसिले मेंं दिल्ली जाने की तैयारी में हैं।
सिद्धू को कांग्रेस से बाहर करने की मांग करने वाले मंत्रियों में साधु सिंह धर्मसोत,श्याम सुंदर अरोडा,ब्रहम मोहिंदरा के साथ कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू,विजय इंदर सिंगला,भारत भूषण आशु और गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने भी सिद्धू पर कार्रवाई की मांग की है। मामले पर पार्टी हाईकमान अभी चुप्पी साधे हुए है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने भी अब सिद्धू से किनारा कर लिया है। रावत ने ही सिद्धू की कैप्टन से सुलह के तमाम प्रयास किए थे पर अति महत्वकांक्षी सिद्धू की कैप्टन से सुलह सिरे नहीं चढ़ पाई। दो बार की मुलाकात के बावजूद अपनी मुराद पुरी होते न देख सिद्धू 17 मार्च को सीएम से हुई दूसरी मुलाकात के बाद से कैप्टन सरकार और कैप्टन पर निशाना साध रहे है
सिद्धू के खिलाफ खड़े हुए मंत्रियों ने कहा कि सिद्धू की विपक्षी दलों आप और बीजेपी से साठगांठ है इसलिए वह आए दिन कांग्रेस और कैप्टन की विपक्ष से भी कहीं आगे बढ़कर आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि विपक्षी दलों आप और भाजपा के नेताओं की ओर से पंजाब कांग्रेस के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए सिद्धू को आगे किया हो या फिर उकसाया हो।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू का कहना है कि नवजोत सिद्धू ने ऐसे समय में कांग्रेस के खिलाफ मौर्चा खोला है जब देश दुनियां कोरोना की जंग से लड़ रहे हैं दूसरा प्रदेश में आठ महीनें बाद विधानसभा चुनाव हैं। चारों मंत्रियों ने मांग की कि सिद्धू को तुरंत पार्टी से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू को निकाला नहीं किया तो पंजाब कांग्रेस के लिए नासूर साबित हो सकता है।