Advertisement
18 July 2024

भाकपा माले महासचिव दीपांकर का बयान, फलस्तीनी झंडे लहराने में कुछ भी गलत नहीं है

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने हाल के दिनों में बिहार सहित देश के अन्य हिस्सों में फलस्तीनी झंडे लहराने पर लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की है।

पटना में बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वामपंथी नेता ने रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के अन्य नेताओं के शामिल होने पर भी आपत्ति जतायी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बिहार और देश के अन्य हिस्सों में फलस्तीनी झंडा लहराने वालों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने की मांग करते हैं। भारत ने फलस्तीन को मान्यता दी है और यही नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में भी जारी है। इसलिए उन लोगों पर कोई गलत काम करने का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।"

Advertisement

पिछले कुछ दिनों में पूरे बिहार में फलस्तीनी झंडा लहराने की कम से कम चार घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें बुधवार को निकाले गए मुहर्रम के जुलूस की भी घटना शामिल है।

पड़ोसी राज्य झारखंड में इसी तरह की घटना को लेकर भारतीय जानता पार्टी (भाजपा) और विश्व हिंदू परिषद ने आक्रोश व्यक्त करने के साथ आंदोलन की धमकी दी है। इस सिलसिले में दुमका में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया और एक अन्य को हिरासत में लिया गया है।

भाकपा-माले नेता ने कहा, ‘‘फलस्तीनी झंडे गाजा के लोगों के प्रति एकजुटता दर्शाने के संकेत के रूप में लहराए जा रहे हैं जहां इजराइली सैन्य कार्रवाई में करीब दो लाख लोगों की जान चली गई है। भारत कभी भी फलस्तीन का समर्थन करने से पीछे नहीं हटा है। यही कारण है कि नयी दिल्ली में फलस्तीन का दूतावास मौजूद है।’’

वामपंथी नेता ने पिछले हफ्ते मुंबई में अनंत अंबानी की शादी में लालू प्रसाद और उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव सहित ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य सहयोगियों के शामिल होने पर कहा, ‘‘हमारे विचार में उन्हें वहां जाने से बचना चाहिए था। हम घोर पूंजीवाद का विरोध करते हैं। हमारा राजनीतिक कार्यक्रम उसी तर्ज पर है। हमें उद्योगपतियों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए नहीं देखा जा सकता है।’’

उन्होंने उत्तर प्रदेश में पुलिस की ओर से ‘कांवड़ यात्रा’ के दौरान रास्ते में फलों का ठेला लगाने वालों से अपने-अपने नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने के लिए भी राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की। भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, ‘‘यह धर्म के आधार पर भेदभाव का स्पष्ट मामला है। यह संविधान के खिलाफ है।’’

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Dipankar Bhattacharya, Palestine flag, CPIML, Subhendu Adhikari
OUTLOOK 18 July, 2024
Advertisement