दिल्ली: भ्रष्टाचार और दंगों के आरोपी, लेकिन चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं ये उम्मीदवार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल से लेकर लंबे समय से उनके विश्वासपात्र रहे मनीष सिसोदिया, दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन और शिफा-उर-रहमान तक ऐसे कई उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जो भ्रष्टाचार और दंगों सहित विभिन्न मामलों में जेल जा चुके।
इसके बाद पार्टी नेता आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं।
विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान केजरीवाल यह कहते रहे हैं कि उन्हें इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि भाजपा उन्हें ‘चोर’ के रूप में पेश करना चाहती थी, लेकिन उनके ‘सबसे कट्टर दुश्मन’ भी मानते हैं कि वह भ्रष्ट नहीं हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को एक जनसभा में कहा, ‘‘वह घूम-घूम कर लोगों को गर्व से अपने जेल जाने के बारे में बता रहे हैं, जैसे कि वह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल गए हों। वह शराब मामले, भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए, उन्हें शर्म आनी चाहिए।’’
दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर अभिषेक गिरि के अनुसार, जेल जाने से उम्मीदवारों के चुनाव परिणाम पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है।
उन्होंने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘कई नेताओं के खिलाफ कुछ न कुछ आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन इन सबका उनके चुनावी करियर पर असर नहीं पड़ता। जहां तक अरविंद केजरीवाल की बात है तो उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा के रूप में देखा जाता था, इसलिए भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना निश्चित रूप से उनकी राजनीतिक छवि पर दाग के रूप में देखा गया।’’