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09 February 2025

दिल्ली: सुषमा स्वराज से लेकर साहिब सिंह वर्मा तक, ये बड़े नाम बन चुके हैं भाजपा के सीएम

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी कर ली है। शनिवार (8 फरवरी) को घोषित विधानसभा चुनाव परिणामों में पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला। इससे पहले, दिल्ली में बीजेपी के तीन मुख्यमंत्री रह चुके हैं – मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज। अब पार्टी अपने चौथे मुख्यमंत्री की घोषणा करने वाली है।
बीजेपी ने 1993 से 1998 तक दिल्ली में शासन किया, लेकिन उस दौरान पार्टी आंतरिक कलह और राजनीतिक घोटालों से जूझती रही, जिससे उसकी स्थिति कमजोर हो गई।

दिल्ली के तीन बीजेपी मुख्यमंत्री और उनका कार्यकाल

मदन लाल खुराना (दिसंबर 1993 - फरवरी 1996)

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मदन लाल खुराना 69वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1991 के तहत पुनः स्थापित दिल्ली विधानसभा के पहले मुख्यमंत्री बने।नवंबर 1993 के चुनाव में बीजेपी ने 49 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को मात्र 14 सीटें मिलीं। 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस की भूमिका भी उसके खराब प्रदर्शन का एक कारण थी। खुराना "दिल्ली का शेर" के रूप में मशहूर थे और उन्होंने पार्टी को मजबूत किया। लेकिन 1995 में उनका नाम कुख्यात हवाला कांड में सामने आया, जिससे उन पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

साहिब सिंह वर्मा (फरवरी 1996 - अक्टूबर 1998)

खुराना के इस्तीफे के बाद 27 फरवरी 1996 को साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के दूसरे (और कुल मिलाकर चौथे) बीजेपी मुख्यमंत्री बने। हालांकि, खुराना और वर्मा के बीच सत्ता संघर्ष और पार्टी के भीतर मतभेद जारी रहे। इसके अलावा, 1998 में दिवाली के समय प्याज की कीमत 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई, जो उस समय के हिसाब से बेहद महंगी थी। दिल्ली में बिजली और पानी संकट भी गहराया, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा। इन समस्याओं के चलते वर्मा को चुनाव से कुछ महीने पहले ही पद छोड़ना पड़ा। उनका कार्यकाल 2 साल और 228 दिन का रहा। दिलचस्प बात यह है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में उनके बेटे परवेश साहिब सिंह ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की, उन्होंने अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर हराया।

सुषमा स्वराज (अक्टूबर 1998 - दिसंबर 1998)

वर्मा के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने सुषमा स्वराज को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनाया, यह उम्मीद करते हुए कि नया चेहरा पार्टी की एंटी-इनकंबेंसी को कम कर सकता है। मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद, स्वराज ने प्याज की आपूर्ति सामान्य करने के लिए एक समिति बनाई और शहर में सरकारी वैन के जरिए प्याज का वितरण शुरू करवाया। हालांकि, ये प्रयास बीजेपी को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने 52 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की और अगले 15 वर्षों तक दिल्ली पर शासन किया।

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TAGS: BJP, Delhi Assembly Election, Madan Lal Khurana, Sahib Singh Verma, Sushma Swaraj, Arvind Kejriwal, Parvesh Sahib Singh
OUTLOOK 09 February, 2025
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