पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन के कारण 23 लोगों की मौत हो गई। उच्चतम न्यायालय ने विरोध प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया और कहा कि कामकाज फिर से शुरू करने पर उनके खिलाफ कोई विपरीत कार्रवाई नहीं की जाएगी।
आर जी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला चिकित्सक का शव मिलने के तुरंत बाद नौ अगस्त की शाम से विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने 20 अगस्त को परास्नातक की पढ़ाई कर रही प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में स्वत:संज्ञान लेकर चलाए गए मामले की सुनवाई के दौरान प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने का आग्रह किया था।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि चिकित्सकों की अनुपस्थिति से उन लोगों पर विपरीत असर पड़ेगा जिन्हें चिकित्सा की जरूरत है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी जूनियर डॉक्टर से ड्यूटी पर लौटने और स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन को सामान्य बनाने के लिए कहा था।
आर जी कर अस्पताल के एक जूनियर डॉक्टर ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘एक महीने से ज्यादा समय बीत गया है और जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पीड़िता को न्याय कब मिलेगा? क्या आपको लगता है कि हम लोगों के साथ अन्याय कर रहे हैं? हम काम बंद नहीं करना चाहते, लेकिन जब तक न्याय नहीं मिल जाता हम ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे।’’