हमारे घोषणापत्र से घबराकर प्रधानमंत्री ‘हिंदू-मुसलमान की स्क्रिप्ट’ पर उतर आए: कांग्रेस
कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसके घोषणापत्र से इतने घबराए और डरे हुए हैं कि ‘हिंदू-मुसलमान की स्क्रिप्ट’ पर उतर जाए हैं। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि कांग्रेस का घोषणापत्र उन सभी समस्याओं का समाधान करने की बात करता है जो मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में देश में पैदा की हैं।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए गत पांच अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी किया जो पांच ‘न्याय’ के स्तंभ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित है। पार्टी ने जाति जनगणना कराने, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने, युवाओं, महिलाओं एवं किसानों के कल्याण के लिए कई वादे किए हैं।
श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘10 साल सत्ता में रहने के बाद आज जब प्रधानमंत्री को अपना रिपोर्ट कार्ड दिखाकर वोट मांगना चाहिए तो वो घबरा गये हैं। वह फिर से अपनी वही घिसी पिटी हिंदू-मुसलमान की स्क्रिप्ट पर उतर आए हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र से प्रधानमंत्री इतने बौखलाए हुए, इतने डरे हुए, इतने भयभीत हैं कि अपनी आसन्न हार के चलते वो फिर से अनर्गल बातें कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कांग्रेस के घोषणापत्र यानी ‘न्याय पत्र’ की हर तरफ़ चर्चा है। मीडिया, विशेषज्ञों और यहां तक कि हमारे विरोधियों को भी यह मानना पड़ रहा है कि ये न्याय पत्र भविष्य के लिए एक बेहतरीन खाका है जिसमें हर वर्ग की बात है। इसी व्यापक दृष्टिकोण की आज देश को ज़रूरत है।’’ उनका कहना था कि इस न्याय पत्र में हर उस समस्या का समाधान है जो मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों से इस देश पर लादी हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘मुस्लिम लीग’ वाले बयान को लेकर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का मुस्लिम लीग प्रेम फिर छलका। इसीलिए प्रधानमंत्री हर बार की तरह मुद्दों से भटकाने की जीतोड़ कोशिश में लगे हुए हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि मुस्लिम लीग से प्रधानमंत्री मोदी का ऐसा कौन सा प्रेम है जो बार बार छलक उठता है?उन्होंने दावा किया, ‘‘असलियत यह है कि नरेन्द्र मोदी जी का मुस्लिम लीग के प्रति प्रेम नया नहीं है। ये वही लोग हैं जो आज़ादी के महासंग्राम के दौरान भी अंग्रेजों के साथ खड़े रहे, और जिन्होंने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सांप्रदायिक दरार पैदा करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ा।’’