गुजरात राज्यसभा उपचुनाव: कांग्रेस ने अपने विधायकों को माउंट आबू की जगह भेजा बनासकांठा
गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर उपचुनाव से पहले गहमागहमी तेज हो गई है। कांग्रेस ने 5 जुलाई को होने वाली वोटिंग के मद्देनजर अपने 69 विधायकों को बनासकांठा भेज दिया है। यहां वे बलराम पैलेस में रुकेंगे। इससे पहले उन्हें माउंट आबू भेजा जा रहा था लेकिन एएनआई के मुताबिक, कार्यक्रम में परिवर्तन कर दिया गया है। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि सभी विधायक वोटिंग के दिन गुजरात लौटेंगे। पार्टी को क्रॉस वोटिंग की आशंका है।
शिविर का आयोजन
कांग्रेस ने विधायकों को इस तरह समूह में भेजे जाने पर कहा कि इसे राज्यसभा उपचुनाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। एक कांग्रेस नेता ने कहा कि चालू बजट सत्र के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। वहां एक 'शिविर' का आयोजन किया गया है।
हालांकि कांग्रेस विधायक धवलसिंह जाला ने दावा किया कि पार्टी को डर है कि कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। जाला कांग्रेस से नाराज चल रहे अल्पेश ठाकोर के करीबी हैं। दोनों नेताओं ने कांग्रेस की कई मौकों पर आलोचना की है। कांग्रेस अल्पेश की सदस्यता खत्म करने के लिए कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुकी है।
पहले भी हो चुका है ऐसा
पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने अपने विधायकों को राज्यसभा चुनाव के समय गुजरात से बाहर भेजा है। 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए 44 विधायकों को बेंगलुरु भेज दिया था।
इस वजह से खाली हुई है सीटें
गृहमंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा सदस्य चुने जाने की वजह से गुजरात में राज्यसभा की दो सीटें खाली हुई है। बीजेपी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और जुगलजी ठाकोर को इसबार उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने चंद्रीका चुडासमा और गौरव पांड्या को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।
क्या है विधानसभा की स्थिति
गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं और फिलहाल 175 विधायक वोट करेंगे। बीजेपी 100 सीटों के साथ गुजरात में सत्ता में है। वहीं कांग्रेस के 71 विधायक हैं। दो विधायक भारतीय ट्राइबल पार्टी के हैं। एक एनसीपी और एक निर्दलीय विधायक हैं जो वोट करेंगे।
चुनाव आयोग ने दोनों सीटों पर अलग-अलग वोटिंग कराने का फैसला किया है। इसे कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था। दो सीटों पर अलग-अलग वोटिंग की स्थिति में एक उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट की जरूरत होगी यानी एक उम्मीदवार को जीत के लिए 88 वोट मिलना जरूरी है।