Advertisement
08 February 2017

50 नहीं 90 दिन हो गए पर नोटबंदी अब भी जी का जंजाल : विपक्ष

google

आठ नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा की गई 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट अमान्य किए जाने की घोषणा की धुर आलोचक रही तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सुखेन्दु शेखर राय ने नोटबंदी के मुद्दे पर राज्यसभा में कामकाज रोक कर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया था। उनके नोटिस का कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने समर्थन जाहिर किया।

हालांकि उप सभापति पी जे कुरियन ने राय के नोटिस को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस विषय पर कई सदस्य अपनी राय सदन में रख चुके हैं तथा आगे भी इस बारे में सदस्यों को बोलने का मौका मिलेगा।

उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर राय ने अपने नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल आठ नवंबर को 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट अमान्य किए जाने की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के बाद आज 90 दिन बीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि केवल 50 दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

Advertisement

तृणमूल सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर 30 दिसंबर के बाद भी लोगों को परेशानी हुई तो वह कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार रहेंगे। हम नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री को सजा के लिए चौराहे पर खड़ा होना पड़े लेकिन हम यह बताना चाहते हैं कि नोटबंदी के 90 दिन बाद भी बैंकों से नगद राशि निकाले जाने की सीमा खत्म नहीं हुई है।

तृणमूल सदस्य राय ने कहा कि सरकार हर तरह की सीमा हटाए ताकि लोग उतनी राशि निकाल सकें जितनी राशि की उन्हें जरूरत है।

राय ने कहा कि चर्चा राष्‍ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई है और नोटबंदी इसका विषय नहीं था। इसलिए इस पर चर्चा की जानी चाहिए।वर्तमान में बैंक के बचत खाते से एक सप्ताह में 24,000 रूपये की राशि निकाली जा सकती है।

उप सभापति कुरियन ने कहा कि इस मुद्दे पर करीब 12 घंटे की चर्चा हो चुकी है और सदस्यों को आगे भी बोलने का मौका मिलेगा इसलिए वह इस नोटिस को अस्वीकार करते हैं।

उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से प्रस्ताव पर किसी खास विषय का जिक्र नहीं किया जाता लेकिन चर्चा के दौरान दोनों ही पक्षों ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा इसीलिए इस नोटिस को अस्वीकार किया जाता है।

इस पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने बोलने की मांग की। लेकिन कुरियन ने अनुमति नहीं दी जिस पर कुछ सदस्यों ने विरोध जाहिर किया।कुरियन ने कहा प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया है इसलिए मैं किसी को भी बोलने की अनुमति नहीं दे सकता।

उन्होंने कहा कि आसन सदस्यों को नियम 267 के तहत प्रस्ताव पर तब ही बोलने की अनुमति दे सकता है जब उसे प्रस्ताव स्वीकार करने में कोई संदेह हो। लेकिन इस :प्रस्ताव के: बारे में कोई संदेह नहीं है इसलिए वह मंत्री को या किसी भी सदस्य को बोलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। भाषा

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: नोटबंदी, विपक्ष, पीएम मोदी, संसद, हमला, note ban, pm modi, attack, parliament, opposition
OUTLOOK 08 February, 2017
Advertisement