अयप्पा के भक्तों से 'गुलाग कैदियों' जैसा व्यवहार कर रही है विजयन सरकार: अमित शाह
सबरीमाला मंदिर मुद्दे को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सबरीमाला श्रद्धालुओं के साथ 'गुलाग कैदियों' जैसा बर्ताव किया जा रहा है और उन्हें कूड़ेदान और जानवरों की गंदगी के पास रात बिताने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
अमित शाह ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, 'केरल सरकार श्रद्धालुओं की आस्था को कुचलने का प्रयास कर रही है लेकिन बीजेपी ऐसा होने नहीं देगी। हम उनके (श्रद्धालुओं) साथ मजबूती के साथ खड़े हैं।' शाह ने कहा, 'इस संवेदनशील मुद्दे पर पिनारई विजयन सरकार का बर्ताव निराशाजनक है। केरल पुलिस लड़कियों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ बुरा सुलूक कर रही है। वो उन्हें इस कठिन तीर्थ यात्रा को बगैर भोजन, पानी, साफ टॉयलेट जैसी मूलभूत सुविधाओं के ही करने को मजबूर कर रहे हैं।'
सबरीमाला मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
गौरतलब है कि जब से केरल की लेफ्ट सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश के फैसले को लागू करने का फैसला किया है तब से सबरीमाला और उसके आसपास के क्षेत्र में लगातार विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है।
अक्टूबर और इस महीने (नवंबर) की शुरुआत में कुछ समय के लिए जब मंदिर के दरवाजे खुले थे तो जबरदस्त हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए थे। 10 से 50 साल की कम से कम एक दर्जन महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के प्रयास के चलते मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए अभूतपूर्व प्रतिबंध लागू किए गए हैं।
जानें क्या है 'गुलाग कैदी'
गुलाग पूर्व सोवियत संघ के दौर की जेल है। यह देश के उस सरकारी संस्था का नाम था जो जेलों की देखरेख और उन्हें चलाती थी। इन जेलों में कैदियों से कड़ी मेहनत करवाई जाती थी और अक्सर उन्हें सजा के तौर पर यहां से हजारों मील दूर साइबेरिया के निर्जन इलाकों में भेज दिया जाता था।
गुलाग के जेलों में आने वाले कैदी छोटी-मोटी चोरियों से लेकर सोवियत संघ की सरकार का विरोध करने वाले राजनीतिक बंदी होते थे। एक अनुमान के मुताबिक, सोवियत संघ के दौर में गुलाग जेलों में लगभग 1.40 करोड़ कैदियों को रखा गया था।