अगर मुझे कुछ हुआ तो लोग पीएम को जिम्मेदार ठहराएंगे: अन्ना हजारे
लोकपाल की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि यदि उन्हें कुछ होता है, तो लोग उसका जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मानेंगे। बता दें कि लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति सहित अन्य मांगों को लेकर अन्ना हजारे का अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल का रविवार को पांचवा दिन है।
महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले में स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धी में बीती 30 जनवरी को अन्ना हजारे ने भूख हड़ताल शुरू की थी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अन्ना हजारे का कहना है, ‘मुझे लोग हमेशा स्थितियों से लड़ने वाले के रूप में याद करेंगे और मैंने कभी भी आग में घी डालने का काम नहीं किया है। मुझे कुछ होता है, तो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराएंगे।’
‘कोई भी पार्टी लोकपाल नहीं चाहती’
अन्ना का कहना है कि लोकपाल के अंतर्गत यदि लोग सबूत दें, तो प्रधानमंत्री की भी जांच हो सकती है, उसी प्रकार लोकायुक्त राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की जांच कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए ये लोग लोकपाल और लोकायुक्त नहीं चाहते हैं। कोई भी पार्टी ऐसा नहीं चाहती है, जबकि लोकसभा ने 2013 में यह बिल पास किया था।
भूख हड़ताल शुरू करते हुए अन्ना ने कहा था कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तब सरकार सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों जैसे लोकायुक्त कानून बनाने, लोकपाल नियुक्त किए जाने तथा किसानों के मुद्दे सुलझाने को पूरा नहीं कर देती।
पीएमओ के ‘रुखे रवैये’ के खिलाफ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समर्थकों ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक पत्र मिला है जिसमें गांधीवादी नेता के प्रति ‘रुखा रवैया’ झलकता है। अन्ना हजारे महाराष्ट्र स्थित अपने गांव में पिछले तीन दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं।
अन्ना हजारे के प्रवक्ता श्याम असावा ने बताया कि पीएमओ से ‘रुखी’ प्रतिक्रिया मिलने पर पश्चिमी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में उनके रालेगण सिद्धि गांव में विरोध प्रदर्शन में इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी 81 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पिछले महीने भेजे गये पत्र पर प्रधानमंत्री के उत्तर में ‘रुखा रवैया’ झलकने के कारण ग्रामीण गुस्से में हैं। असावा ने बताया कि महिलाओं सहित कुछ प्रदर्शनकारी गांव में एक टावर के ऊपर चढ़ गये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जबकि कुछ ग्रामीणों ने पारनेर-वाडेगवहान मार्ग पर यातायात बाधित किया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
पीएमओ द्वारा भेजे गए पत्र में क्या लिखा है?
पीएमओ द्वारा कथित रूप से भेजे गये पत्र में कहा गया है, ‘‘आपका पत्र मिला, धन्यवाद और शुभकामनाएं।’’ असावा ने कुछ संवाददाताओं को यह पत्र दिखाया। एक जनवरी 2019 को पीएमओ को भेजे पत्र में हजारे ने केन्द्र और महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार विरोधी क्रमश: लोकपाल एवं लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति की मांग की थी। उन्होंने किसानों के मुद्दों के समाधान की भी मांग थी।
अन्ना का 3.4 किलोग्राम वजन कम हुआ
इस बीच, हजारे के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे डॉक्टर धनंजय पोटे ने पीटीआई को बताया कि शनिवार को उनके उपवास के चौथे दिन उनका वजन 3.4 किलोग्राम कम हो गया है। उन्होंने बताया, ‘‘उनका रक्तचाप भी बढ़ गया है।’’