BJP को हराने के लिए अरुण शौरी ने विपक्ष को सुझाया ये फॉर्मूला...
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बाद अब भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण शौरी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। अटल सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी ने गुरुवार को अपनी ही पार्टी को हराने के लिए विपक्ष को टिप्स दे डाले।
एक बार फिर अपनी ही पार्टी पर हमलावर हुए अरुण शौरी ने कहा कि अगर विपक्षी दलों को चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हराना है, तो उन्हें एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष को भाजपा के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहिए, जिससे मुकाबला दो लोगों के बीच में रहे।
उन्होंने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, जैसाकि इस्लामी चरमपंथ में होता है, अगर कोई प्रवचन दे रहा है तो कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब वे हथियार उठाकर जमीन कब्जा लेते हुए हैं, तो यह असल समस्या बन जाती है। आपको उन्हें सैन्य तरीके से हराना होगा। शौरी ने कहा, इसलिए लोकतंत्र में भी, इस तरह के बलों की हार चुनावी सुधार के जरिए होनी चाहिए। विपक्ष व अन्य के नेताओं को एक संकल्प लेना चाहिए कि बीजेपी के उम्मीदवार के खिलाफ केवल एक उम्मीदवार।
अरुण शौरी इससे पहले कई मौकों पर केंद्र में काबिज बीजेपी और उसकी पॉलिसी के खिलाफ बयान जाहिर कर चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने 4 अक्टूबर को नोटबंदी को मनी लॉन्ड्रिंग स्कैम बताया था और कहा था कि इसके जरिए बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया है। शौरी ने जीएसटी लागू करने को नासमझी में लिया गया फैसला करार देते हुए कहा था कि इसमें बड़ी त्रुटियां हैं। यही कारण है कि सरकार को कई बार इसके नियमों में बदलाव करना पड़ा। जीएसटी से कारोबार पर संकट आया है और लोगों की आमदनी घटी है। इस समय देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जो जीएसटी के कारण ही पैदा हुआ है।
शौरी का बयान काफी कुछ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और बीजेपी के लोकसभा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बयानों से मेल खाता है। ये दोनों वरिष्ठ नेता पार्टी लाइन से हटकर अपनी राय के लिए हाल के दिनों में चर्चा में रहे हैं।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी जीएसटी, नोटबंदी, अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार को घेर चुके हैं। उन्होंने बयान दिया था कि जीएसटी के कारण देशवासियों को हुई मुश्किलों के लिए जेटली को पद से इस्तीफा देना चाहिए, साथ ही उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता को जेटली बोझ लगते हैं।