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15 May 2018

औरंगाबाद दंगों को लेकर शिवसेना का फडणवीस सरकार पर हमला, कहा- पूर्व नियोजित था ये संघर्ष

File Photo

हाल ही में औरंगाबाद में हुए सांप्रदायिक संघर्षों को लेकर महाराष्ट्र में भाजापा की सहयोगा पार्टी शिवसेना ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर बड़ा हमला बोला। शिवसेना ने आरोप लगाते हुए कहा ऐसा लगता है कि दंगों की योजना पहले से बनाई गई थी और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है। इन झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई थी।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामाना’ में शिवसेना ने इन संघर्षों के लिए बताए गए कारणों को हास्यास्पद करार दिया। संपादकीय में कहा, ‘दंगाइयों ने पुलिस पर भी हमला किया। यह पूर्व-नियोजित था और 15 मिनट के भीतर पेट्रोल बम का इस्तेमाल साफ तौर पर दिखाता है कि दंगों की तैयारी पहले की गई थी’।

फडणवीस के नेतृत्व वाले गृह विभाग पर भी साधा निशाना 

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पार्टी ने सुरक्षा खामियों के लिए पुलिस आयुक्त नियुक्त करने में विफल रहने को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले गृह विभाग पर भी निशाना साधा। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ‘सामना’ में यह भी दावा किया गया है कि सरकार ने एक महत्वपूर्ण शहर होने के बावजूद सरकार ने औरंगाबाद पुलिस आयुक्त को कई महीनों तक नियुक्त नहीं करने का फैसला किया।

'पुलिस का कोई नेतृत्व नहीं है, यही कारण है कि यह दिशाहीन है'

शिवसेना ने कहा कि यह फडणवीस के नेतृत्व वाले गृह विभाग की नाकामयाबी है कि इस तरह के एक बड़े और संवेदनशील शहर को पुलिस आयुक्त नहीं मिला। क्या फडणवीस ने पुलिस कमिश्नर नियुक्त नहीं करने का फैसला इसलिए किया जब तक उन्हें कोई भाजपा समर्थक न मिल जाए? पुलिस का कोई नेतृत्व नहीं है, यही कारण है कि यह दिशाहीन है।"

कानून और व्यवस्था को राज्य से दरबरदर कर दिया गया 

सामना के मुताबक, ‘राज्य में अपराध के अनुपात को देखते हुए ऐसा लगता है कि कानून और व्यवस्था को राज्य से दरबरदर कर दिया गया है। कोरेगांव-भीमा हिंसा के समय राज्य सरकार गहरी नींद में सोई हुई थी। पुलिस ने गोली नहीं चलाई लेकिन औरंगाबाद में पुलिस ने पुलिस आयुक्त की गैरमौजूदगी में भी गोलीबारी की। यह भी एक रहस्य है।"

मंत्रालय की दीवारों पर अहमदनगर में हुई हत्याओं के खून के धब्बे हैं

संपादकीय में कहा गया कि ‘मामूली मुद्दों’ पर भड़काए गए दंगों से अरबों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ। यह एक सबूत है जो दिखाता है कि राज्य में कानून और व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। कोरेगांव-भीमा संघर्ष ने राज्य की छवि को नुकसान पहुंचाया है।

मंत्रालय की दीवारों पर अहमदनगर में हुई हत्याओं के खून के धब्बे हैं और फडणवीस कहते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है। इसमें पूछताछ कमिटी और उच्च स्तरीय जांच को "बेमतलब" का बताया है।

चार दिन पहले हुआ था संघर्ष

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के दंगा प्रभावित औरंगाबाद शहर में चार दिन पहले हुई हिंसा में दो व्यक्तियों की जान चली गई थी और 12 पुलिसकर्मियों सहित 60 लोग जख्मी हो गए थे। 

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TAGS: Aurangabad clashes, pre-planned, failure of state, Home deptt, Shiv Sena
OUTLOOK 15 May, 2018
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