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25 December 2018

एनडीए में फिर असंतोष, अपना दल ने कहा- छोटे दलों को मिले सम्मान

File Photo

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों में लगातार असंतोष दिखाई दे रहा है। बिहार में उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने और रामविलास पासवान को मनाने के बाद उत्तर प्रदेश और केंद्र में गठबंधन के अहम सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने नाराजगी जाहिर की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर दावा किया, 'न केवल अपना दल बल्कि बीजेपी के भी कई विधायक, सांसद और मंत्री प्रदेश शासन से नाराज हैं। हमारे जैसे छोटे दल सम्मान चाहते हैं। हम, हमारे नेता और कार्यकर्ताओं को दु:ख होता है जब हमें अपेक्षित सम्मान नहीं मिलता।' उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी चिंता जाहिर की।

क्या है नाराजगी की वजह

माना जा रहा है कि अपना दल की नाराजगी इस बात को लेकर है कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को उत्तर प्रदेश में वो सम्मान नहीं मिलता जिसकी वे हकदार हैं। यहां तक कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में भी अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाया जाता, जबकि यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और अनुप्रिया के संसदीय क्षेत्र से मिर्जापुर से सटा है। आशीष पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसी तरह सहयोगी दलों की प्रदेश भाजपा उपेक्षा करती रही तो सोचना पड़ेगा।

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‘नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं

हालांकि आशीष पटेल यह भी कहा कि उनकी पार्टी अगले चुनावों के बाद भी नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है लेकिन सहयोगियों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए। यह पूछने पर कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के हाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार पर पटेल ने कहा कि चुनावों में हार चिंताजनक है और बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को इस पर विचार करना चाहिए।

हम बीजेपी के दुर्दिन में साथ थे’

इस सवाल के जवाब में कि क्या बीजेपी की हार के बाद 2019 में एनडीए कमजोर हो जाएगा, पटेल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है। हम 2014 में भी बीजेपी के साथ थे जब उनके दुर्दिन चल रहे थे।’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का भावी गठबंधन एक चुनौती है और उसका सामना करने के लिए एनडीए को अपना दल जैसे घटक दलों के साथ बैठकर विचार-विमर्श करना चाहिए।

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TAGS: NDA ally, Apna Dal (S), ashish patel, uttar pradesh, yogi adityanath
OUTLOOK 25 December, 2018
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