18 July 2017
दलित उत्पीड़न पर बोलने नहीं दिया तो मायावती ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा, सभापति को सौंपा त्याग-पत्र
Jab satta paksh mujhe apni baat rakhne ka bhi samay nahi de raha hai toh mera isteefa dena hi theek hai: Mayawati pic.twitter.com/gHiJcOuqNs
— ANI (@ANI_news) July 18, 2017
मायावती का तीन पन्नों की चिट्ठी के साथ इस्तीफा-
गौरतलब है कि मंगलवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन बसपा सुप्रीमो मायवाती जैसे ही अपनी बात सदन में रखने लगी तभी उपसभापति पीजे कुरियन ने मायावती को अपनी बात तीन मिनट में खत्म करने को कहा था। इस पर मायावती नाराज हो गईं और कहा कि वह एक गंभीर मुद्दा उठा रही हैं, जिसके लिए उन्हें अधिक वक्त चाहिए। इसके बाद जैसे ही मायावती ने कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी, वैसे ही राज्यसभा में हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं।
कुरियन के रोकने पर मायावती ने यह भी कहा कि वह जिस समाज से संबंध रखती हैं, उस समाज से जुड़े मुद्दे उठाने से उन्हें कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर मैं दलितों के खिलाफ हो रही ज्यादतियों को लेकर अपनी बात ही सदन में नहीं रख सकती तो मुझे इस सदन में बने रहने का नैतिक अधिकार भी नहीं है। मायावती ने कहा कि दलितों और छोटे तबकों के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहा है। सहारनपुर में दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ। गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ। मुझे शब्बीरपुर में हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत नहीं दी गई।
दरअसल, मानसून सत्र के पहले से ही गरमागरम होने की उम्मीद थी। कई मसलों पर सरकार को घेरते हुए हंगामे के जरिए एक बार फिर विपक्ष अपनी एकजुटता को प्रदर्शित कर रहा है। कांग्रेस पार्टी ने मॉब लिंचिंग और मंदसौर में किसानों पर की गई पुलिस फायरिंग के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव दिया है।