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04 December 2018

बुलंदशहर हिंसा पर गरमाई सियासत, मायावती, राजभर ने योगी सरकार पर साधा निशाना

File Photo

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को कथित गोहत्या के शक में हुई हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अब ये मामला राजनीतिक रंग लेता दिख रहा है। इस मामले को लेकर विपक्ष ने प्रदेश के मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि यूपी की चिंता करने के बजाए योगी तेलंगाना जाकर जहर उगल रहे हैं।

 

राज्य में बीजेपी का जंगलराज चल रहा है: मायावती

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बीएसपी चीफ मायावती ने आरोप लगाया कि राज्य में बीजेपी का जंगलराज चल रहा है। उन्होंने कहा, 'बुलंदशहर की भीड़ हिंसा के दौरान अराजकता, आगजनी, तोड़फोड़ तथा कोतवाल समेत दो की मौत के लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। बीजेपी द्वारा हर प्रकार का संरक्षण देने का ही परिणाम है कि उत्त र प्रदेश जैसे बड़े राज्य। में बीजेपी का जंगलराज कायम है।' उन्होंने इस हत्याहकांड पर दुख जताया और मांग की कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।

'यह वीएचपी, बजरंग दल और आरएसएस की पूर्व नियोजित साजिश है'  

 

योगी सरकार में मंत्री राजभर ने तो इस घटना के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और आरएसएस को भी जिम्मेदार ठहराया है। राजभर ने कहा, 'यह वीएचपी, बजरंग दल और आरएसएस की पूर्व नियोजित साजिश है। अब तो पुलिस भी कुछ बीजेपी नेताओं के नाम बता रही है। क्‍यों यह विरोध उस दिन हुआ जब मुस्लिमों का इज्‍तमा चल रहा था? यह बुलंदशहर की शांति को भंग करने की कोशिश है।'  

आजम खान ने उठाए राज्य सरकार पर सवाल

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर यह वास्तव में गोहत्या का मामला है तो इस बात की जांच होनी चाहिए कि वहां गोश्त (मवेशियों के मांस के टुकड़े) लाया कौन था। आजम ने कहा कि इस इलाके में अल्पसंख्यक आबादी नहीं है।

योगी यूपी की चिंता करने के बजाए तेलंगाना जाकर उगल रहे हैं जहर: कपिल सिब्‍बल

वहीं, इस मामले में कांग्रेस नेता कपिल सिब्‍बल ने कहा है, ‘यह वाकई हैरान करने वाली स्थिति है कि अखलाक केस की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी को भीड़ ने मार डाला। इन लोगों को कानून हाथ में लेने का अधिकार कौन देता है? अपने राज्‍य की चिंता करने के बजाए योगी तेलंगाना जाकर जहर उगल रहे हैं।"

भीड़तंत्र की बेलगाम हिंसा अब भाजपा सरकारों की असल पहचान है: कांग्रेस

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश को अराजक तत्वों को सौंपने के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने में व्यस्त हैं। उन्होंने ट्विटर पर कहा, आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को अराजक तत्वों के हवाले कर चुनाव भ्रमण में व्यस्त हैं और कानून व्यवस्था का दिवाला निकल गया है।

उन्होंने कहा, कानून का शासन नहीं, भीड़तंत्र की बेलगाम हिंसा अब भाजपा सरकारों की असल पहचान है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में इस प्रकृति की विफलता कानून एवं व्यवस्था और शासन की सबसे बदतर नाकामी है।

योगी देशभर में प्रचार कर रहे हैं और उनके अपने ही राज्य में ऐसी हिंसा हो रही है: सिंघवी

इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दूसरों से अपनी मिसाल का अनुसरण करने के लिए कहने को लेकर सीएम आदित्यनाथ की आलोचना की। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री देशभर में प्रचार कर रहे हैं और उनके अपने ही राज्य में ऐसी हिंसा हो रही है।

अखिलेश ने कहा- प्रदेश में अराजकता

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बुलंदशहर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच संघर्ष में इंस्पेक्टर की मौत का समाचार बेहद दु:खद है। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि! भाजपा के शासन में प्रदेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है(

गोहत्या के शक में हुई थी हिंसा

गोहत्या के शक में चिंगरावठी इलाके में सोमवार को हिंसक प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी में आगजनी और तोड़फोड़ की थी। सड़क पर भी कई वाहन फूंके। पुलिस पर भी पथराव किया। इस दौरान पुलिस को बचाव में गोलियां भी चलानी पड़ीं। पथराव के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह घायल हो गए और उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

एसआईटी गठित, हिंसा की वजहों को तलाशा जाएगा

एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने कहा, इस मामले में सात के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने गोहत्या के मामले में नयाबांस गांव निवासी योगेशराज की तहरीर पर सुदेफ चौधरी, इलयास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है। जांच के एंगल में यह भी देखा जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्यों पुलिस कर्मियों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़ दिया।

अखलाक केस की जांच में शामिल थे इंस्पेक्टर सुबोध

बताया जा रहा है कि सुबोध ग्रेटर नोएडा में हुए अखलाक हत्याकांड की जांच में शामिल थे। वे 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक इस मामले में जांच अधिकारी रहे थे। 28 सितंबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में कुछ युवकों ने अखलाक की हत्या कर दी थी। हमलावरों को अखलाक के घर में गोमांस रखा होने का शक था।

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TAGS: Bulandshahr violence, congress, Kapil Sibbal, CM Yogi, Telangana, spewing venom, Surjewala, Azam khan, akhilesh yadav
OUTLOOK 04 December, 2018
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