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17 April 2025

क्या मुस्लिम समुदाय को भारतीय उत्तराधिकार कानून के अंतर्गत लाया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

उच्चतम न्यायालय ने इस विवादास्पद मुद्दे पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की कि क्या मुस्लिम समुदाय को पैतृक संपत्तियों के मामले में शरीयत के बजाय धर्मनिरपेक्ष भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत लाया जा सकता है और इससे उनकी आस्था पर भी कोई आंच नहीं आए।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने केरल के त्रिशूर जिले के निवासी नौशाद के.के. की ओर से दायर याचिका पर संज्ञान लिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह धर्म के रूप में इस्लाम का त्याग किए बिना शरीयत के बजाय उत्तराधिकार कानून के तहत आना चाहते हैं।

पीठ ने उनकी याचिका पर केंद्र और केरल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा। पीठ ने इस याचिका को इस मुद्दे पर लंबित समान मामलों के साथ संलग्न करने का आदेश दिया।

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इससे पहले, पिछले साल अप्रैल में पीठ ने अलप्पुझा निवासी और ‘एक्स-मुस्लिम्स ऑफ केरल’ की महासचिव सफिया पी एम की याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी। याचिका में कहा गया था कि वह एक नास्तिक मुस्लिम महिला हैं और वह अपनी पैतृक संपत्तियों का निपटान शरीयत के बजाय उत्तराधिकार कानून के तहत करना चाहती हैं।

इसी तरह ‘कुरान सुन्नत सोसाइटी’ ने 2016 में एक याचिका दायर की थी जो शीर्ष अदालत में लंबित है। अब तीनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी।

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TAGS: Muslim community, Indian Inheritance Act, Supreme Court
OUTLOOK 17 April, 2025
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