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08 April 2020

संसाधनों के इस्तेमाल की प्राथमिकता पर उठे सवाल, विपक्ष ने कहा सेंट्रल विस्टा का पैसा कोविड-19 पर खर्च हो

File Photo

ऐसे समय जब कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है, ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां बंद हैं, सरकार का राजस्व संग्रह ठप पड़ा हुआ है, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना कहीं से उचित नहीं लगता है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना की है। इस बात को इस संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए कि सरकार ने कोरोना संकट से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 15,000 करोड़ रुपए दिए हैं जबकि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए उसने 20,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सरकार के पास फंड की कमी है इसीलिए तो सांसदों के वेतन में कटौती की गई है और एमपीलैड के फंड को 2 साल के लिए स्थगित किया गया है। जहां ज्यादातर सरकारी विभागों ने गैरजरूरी प्रोजेक्ट पर फिलहाल विराम लगा रखा है, वहीं आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना का फैसला किया है।

सरकार ने 20 मार्च को जारी किया था नोटिफिकेशन

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कई ऐतिहासिक इमारतों का रिडेवलपमेंट और रिकंस्ट्रक्शन किया जाना है। नए संसद भवन का निर्माण करने के लिए लैंड यूज़ बदला गया है। जिन प्लॉट के लैंड यूज़ बदले गए हैं उनमें एक पर प्रधानमंत्री के नए आवास का निर्माण किया जाएगा। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 20 मार्च को सेंट्रल विस्टा का नोटिफिकेशन जारी किया था। मौजूदा संसद भवन का डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटनी और हर्बर्ट बेकर ने तैयार किया था। इसका निर्माण 1921 में शुरू हुआ और इसे बनाने में 6 साल लगे थे।

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सोनिया ने कहा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का पैसा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो

सांसदों का लोकल एरिया डेवलपमेंट (एमपीलैड) फंड 2 साल के लिए स्थगित किए जाने के बाद विपक्षी नेता सेंट्रल विस्टा का मुद्दा फिर से उठा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट को फिलहाल स्थगित करने की मांग की। उन्होंने लिखा कि मौजूदा भवन से ही संसद का कामकाज सुचारू रूप से चल सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सेंट्रल विस्टा पर खर्च होने वाली रकम का इस्तेमाल नए अस्पताल बनाने और चिकित्सा कर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) में किया जाना चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी कोविड-19 महामारी के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट जारी रखने पर सरकार की आलोचना की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का पैसा कोविड-19 महामारी से लड़ने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी की सरकार के फैसले की आलोचना

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया कि जब सरकार के पास पैसे नहीं हैं तो वह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को रद्द क्यों नहीं कर देती। क्या यह लाखों भारतीयों के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है? तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी सरकार के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार एमपीलैड फंड को तो 2 साल के लिए स्थगित कर रही है लेकिन वह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 27,000 करोड़ रुपए और एक प्रतिमा पर 2500 करोड़ रुपए खर्च किए।

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TAGS: Central Vista project, Corona crisis, Opposition said, use this money, fight epidemic
OUTLOOK 08 April, 2020
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