कश्मीर में सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती से लोगों में फैला डर: महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। मुफ्ती ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले ने घाटी के लोगों में भय जैसा माहौल पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करने की आवश्यकता है।
शाह फैसल ने उठाए सवाल
पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर में केंद्र के अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती पर सवाल उठाया है। फैसल ने कहा है कि इस बात की अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा भयानक होने वाला है।
शाह फैसल का ट्वीट
शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा, ‘घाटी में अचानक सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती क्यों हो रही है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा भयानक होने वाला है। क्या यह अनुच्छेद 35ए को लेकर है?’
क्या है मामला
शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था जिसके मुताबिक घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी।
आतंकी 15 अगस्त या उसके आसपास आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। तैनाती के पीछे इसे वजह माना जा रहा है। कई बार आतंकियों ने घाटी के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले को अंजाम देने का प्लान तैयार किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया।