Advertisement
18 May 2019

क्लीन चिट पर घमासान, लवासा के पत्र पर सीईसी का जवाब- तीनों सदस्य एक दूसरे के क्लोन नहीं

File Photo

लोकसभा चुनाव के बीच ही चुनाव आयोग में अंदरूनी मतभेद की खबरों के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बयान जारी कर कहा है कि यह जरूरी नहीं कि आयोग के सभी सदस्य एक जैसा ही सोचे। वे एक दूसरे के क्लोन नहीं हैं। विवाद के केंद्र में पीएम मोदी और अमित शाह को आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में आयोग से क्लीन चिट दिया जाना है। बयान में कहा गया है कि मीडिया के कुछ हिस्सों में आज आचार संहिता के संदर्भ में चुनाव आयोग के अंदरूनी कामकाज को लेकर एक ऐसे विवाद का जिक्र किया गया है, जिसे टाला जा सकता था। मुख्य चुनाव आयुक्त अरोड़ा ने यह भी कहा कि उन्हें सार्वजनिक बहस से कभी गुरेज नहीं रहा लेकिन हर चीज का एक समय होता है।

क्या है विवाद?

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को एक खत लिखा है। लवासा ने खत में मांग की है कि तीन सदस्यीय आयोग में अगर किसी मुद्दे पर किसी सदस्य का विचार अलग है तो संबंधित आदेश में बाकायदा उसका भी जिक्र हो। लवासा चाहते हैं कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बेंच के जजों के अलग-अलग विचारों का स्पष्ट जिक्र होता है, वैसा ही चुनाव आयोग के मामले में भी हो। अशोक लवासा ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर क्लीन चिट को लेकर बाकी 2 सदस्यों की राय से असहमत थे। वह चाहते हैं कि उनकी असहमति को भी रिकॉर्ड में लिया जाए। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे खत में यह भी कहा है कि उनकी मांग के हिसाब से व्यवस्था बनने तक वह आयोग की बैठकों में शामिल नहीं होंगे।

Advertisement

सीईसी ने जारी किया बयान

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के कथित खत के हवाले से चुनाव आयोग में अंदरूनी घमासान की खबरें आने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त को बयान जारी करना पड़ा। विवाद को टाले जाने योग्य बताते हुए अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि यह ऐसे वक्त में उपजा है जब देशभर के सभी मुख्य चुनाव अधिकारी और उनकी टीमें रविवार को होने वाले चरण की वोटिंग की तैयारी में जुटे हैं, इसके अलावा 23 मई को मतगणना भी है।

तीनों सदस्य एक दूसरे के क्लोन नहीं

मुख्य चुनाव आयुक्त की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'चुनाव आयोग के तीनों सदस्यों के एक दूसरे के क्लोन होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। अतीत में भी कई बार उनके विचारों में काफी विविधता रही है क्योंकि ऐसा हो सकता है और होना भी चाहिए लेकिन तब किसी सदस्य की अलग राय का मामला उसके रिटायरमेंट तक आयोग के भीतर ही रहता है। हां, रिटायरमेंट के काफी बाद संबंधित चुनाव आयुक्त/ मुख्य चुनाव अधिकारी अपनी लिखी किताब में इसका जिक्र करते हैं।'

मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने बयान में यह भी कहा है कि वह सार्वजनिक चर्चा से नहीं डरते। उन्होंने कहा, 'जरूरत पड़ने पर मुझे निजी तौर पर कभी भी किसी सार्वजनिक चर्चा से गुरेज नहीं रहा है लेकिन हर चीज का एक वक्त होता है।'

कांग्रेस का हमला- मोदी का पिट्ठू बन चुका है चुनाव आयोग

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे कथित खत को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'चुनाव आयोग मोदीजी का पिट्ठू बन चुका है, अशोक लवासाजी की चिट्ठी से साफ है सीईसी और उनके सहयोगी लवासाजी का जो भिन्न ऑपिनियन है मोदीजी और अमित शाह को लेकर उसको भी रिकॉर्ड करने को तैयार नहीं हैं।'

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Chief Election Commissioner, Sunil Arora, EC, Ashok Lavasa, letter
OUTLOOK 18 May, 2019
Advertisement