जब देश में हैं किल्लत तो मास्क और वेंटीलेटर क्यों किया निर्यात, कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा
कांग्रेस ने मास्क और वेंटीलेटर का निर्यात मूल कीमत से दस गुने मूल्य पर किए जाने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि इनका निर्यात 19 मार्च तक करने की अनुमति दी गई। उन्होंने इसे आपराधिक साजिश करार दिया है।
प्रधानमंत्री को ट्वीट किया
सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, “माननीय प्रधानमंत्री, यह आपराधिक साजिश है। जहां डब्ल्यूएचओ ने वेंटीलेटर, सर्जिकल मास्क, डिस्पोजेबल मास्क और इन्हें बनाने के कच्चे माल का स्टॉक करने की सलाह दी है जबकि भारत ने इनका निर्यात दस गुनी कीमत पर करने की अनुमति 19 मार्च तक दी।”
क्यों दी निर्यात की अनुमति
उन्होंने सवाल किया, “इनके निर्यात की अनुमति क्यों दी गई, जबकि भारत में इनकी किल्लत हो रही है। पार्टी ने 19 मार्च तक निर्यात की अनुमति संबंधी डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) की अधिसूचना भी अटैच की है।” उसका आरोप है कि सरकार ने इसके निर्यात पर रोक 19 मार्च को ही लगाई गई जब कोरोना वायरस के केस तेजी से बढ़े।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने रविवार को मांग की थी कि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट जैसे एन95 मास्क, ग्लोव, फेस शील्ड, गोगल्स, हेड कवर, रबर बूट्स और डिस्पोजेबलस गाउन स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सुलभ कराए जाएं।
स्वास्थ्य कर्मियों को वित्तीय प्रोत्साहन की मांग
कांग्रेस ने कहा है कि हमें डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ पर हमें गर्व है। उन लोगों को विशेष वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए जो अपने जीवन को खतरे में डालकर कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं। सरकार को इसकी तुरंत घोषणा करनी चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि 130 करोड़ की आबादी के बीच सिर्फ 30,000 वेंटीलेटर है। ऐसे में कोरोना वायरस मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में सुलभ कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस समय 95 फीसदी वेंटीलेटर दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए पहले से ही इस्तेमाल हो रहे हैं।