CM फडणवीस के कार्यालय में पी गई 3 करोड़ की चाय, आरटीआई में खुलासा
महाराष्ट्र में अभी हाल ही में सामने आए चूहा घोटाला मामले के बाद अब एक और घोटाला सामने आया है। अब फडणवीस सरकार पर चाय घोटाले के आरोप लगे हैं। कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में रोजाना 18,500 कप से ज्यादा चाय की खपत है।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले तीन साल में मुख्यमंत्री के दफ्तर में चाय का खर्च 577 प्रतिशत बढ़ गया है। 2017-18 में मुख्यमंत्री कार्यालय ने चाय पर लगभग 3 करोड़ 34 लाख रुपये खर्च किए। इस बेतहाशा खर्च पर विपक्ष का सवाल है कि क्या चूहे चाय पी गए।
पिछले 3 सालों में सीएमओ में चाय की खपत पर खर्च में बढ़ोतरी
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) का हवाला देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में सीएमओ में चाय की खपत पर खर्च में भारी वृद्धि हुई है। आरटीआई के अनुसार, 2017-18 में सीएमओ में 3,34,64,904 रुपये की चाय पी गई जबकि यह आंकड़ा वर्ष 2015-16 में 57,99,150 रुपये था।
रोजाना 18,591 कप चाय की खपत?
संजय निरुपम ने कहा, चाय पर हुआ खर्च चौंकाने वाला है। सीएमओ में रोजाना 18,591 कप चाय की खपत है। यह कैसे संभव है? उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सीएम किस प्रकार की चाय पीते हैं, क्योंकि मैंने सिर्फ ग्रीन टी, येलो टी और इसी तरह के कुछ नाम सुने हैं।
बेहद खर्चीली गोल्डन टी का उपयोग करते हैं CM
निरुपम ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है सीएम और सीएमओ इतना बड़ा बिल बनाने के लिए कुछ बेहद खर्चीली गोल्डन टी का उपयोग करते हैं। विडंबना है कि महाराष्ट्र में रोज किसानों की मौत हो रही है लेकिन सीएमओ चाय पर कई करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
क्या मंत्रालय के चूहे चाय पीते हैं
निरुपम ने आगे चूहा घोटाले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मंत्रालय के चूहे चाय पीते हैं। उनका इशारा पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के उस बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने महज एक सप्ताह में मंत्रालय के 319,400 चूहों को मारने का दावा किया था।
क्या है चूहा घोटाला
हाल ही में सामने आए चूहा घोटाले को लेकर फडणवीस सरकार पहले से कटघरे में है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से ने एक आरटीआई के हवाले से ही सरकार पर चूहा घोटाले का आरोप लगाया है।
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी का हवाला देते हुए खडसे ने आरोप लगाया कि मंत्रालय में चूहे मारने का टेंडर जिस कंपनी को दिया उसने सात दिन में 3 लाख 19 हजार चूहे मारे। इस हिसाब से एक मिनट में 34 और एक दिन में करीबन 45 हजार चूहे मारे गए। खडसे का कहना है कि एक दिन में 900 क्विंटल यानी कि 9 टन चूहे मारे। इतने चूहे एक ट्रक में ले जाकर दफनाने पड़े होंगे।
खडसे ने कहा कि मरे हुए चूहे का ट्रक मंत्रालय से ले जाते वक्त क्यूं नजर नहीं आया और इतने चूहे मारने के लिए दवाइयां कहां से मंगाई गईं। उन्होंने कहा कि जब पूरे मुंबई में लगभग 6 लाख चूहे हैं तो 3 लाख 76 हजार चूहे सिर्फ मंत्रालय में कैसे जा घुसे।
इस तरह के तमाम सवाल उठाकर खड़से ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। इस मामले को लेकर सरकार ने उचित जांच का भरोसा दिया है।