रायबरेली में विधायक अदिति सिंह पर हमले को लेकर सियासत तेज, आरोप-प्रत्यारोप शुरू
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में सदर सीट से विधायक अदिति सिंह पर हमले को लेकर सियासत तेज हो गई है। बुधवार को मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों एकदूसरे पर हमलावर रहीं। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने आरोप लगाया है कि रायबरेली में कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर विवाद हुआ। जबकि कांग्रेस का आरोप है कि एक एमएलसी इतनी बड़ी साजिश नहीं कर सकता। इसके पीछे पूरी सरकार का हाथ है और कांग्रेस इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएगी।
प्रियंका गांधी पहुंचीं रायबरेली
रायबरेली मामले को लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार दोपहर रायबरेली पहुंचीं। उनके साथ राजीव शुक्ला भी थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने जिला पंचायत सदस्यों से कहा कि यह लड़ाई अब हमारी लड़ाई है। हर मोर्चे पर लड़ी जाएगी यह लड़ाई, आप लोग डरिए नहीं। इसी मामले को लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से भी मिला और कार्यवाही की मांग की।
कांग्रेस की मानसिकता पहले से खरीद फरोख्त की: डिप्टी सीएम
रायबरेली मामले को लेकर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने भाजपा कार्यालय पर प्रेस वार्ता की। उन्होंने प्रियंका गांधी पर आरोप लगाया कि लोकल राजनीति में प्रियंका हस्तक्षेप कर रही हैं। जो भी आरोप कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे हैं, वह निराधार हैं। जब से योगी जी की सरकार बनी है, तब से हमने किसी भी घटना पर पक्षपात नहीं किया। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कांग्रेस के ही दो गुटों में शुरू से मतभेद रहे हैं। उनकी आपसी रस्साकशी के दौरान कुछ घटनाएं घटीं। कल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम को मिलने गया था और उन्होंने जहां-जहां सुरक्षा की बात बताई। वहां तीन कंपनी पीएसी की नियुक्ति कर दी गई। विधायक के एक्सीडेंट होने की घटना पर उन्होंने कहा कि गाड़ियां तेज गति में चल रही थीं। इस दौरान स्कूटर सामने आने से यह घटना घटी है। घटना के संबंध में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। इसके अलावा मजिस्ट्रेटियल जांच भी की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की मानसिकता पहले से खरीद फरोख्त की रही है। वह उसी के बल पर सत्ता पर काबिज होने की मंशा रखते हैं। यह प्रियंका जी की हताशा है, जो इतना घूमने फिरने के बाद भी उन्हें कोई सफलता हासिल नहीं हो रही है, लेकिन वह लोकसभा चुनावों को छोड़कर केवल रायबरेली पर फोकस कर रही हैं, यह चौंकाने वाली बात है। मुख्यमंत्री के कहने पर कमिश्नर और आईजी रायबरेली गए।
पूरी बीजेपी की शक्ति लगी और प्रशासन ने सहयोग किया: राजबब्बर
मामले को लेकर कांग्रेस ने भी पार्टी कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि बीजेपी की यह प्रवृत्ति है। जब उसको लगता है कि राजनीतिक लड़ाई हार रहे हैं, तो वह हिंसा पर उतर आते हैं और यह बात रायबरेली में देखने को मिली है। कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 तारीख मुकर्रर की थी, उसके लिए कांग्रेस के सदस्य जा रहे थे और इतनी बड़ी घटना उनके साथ हुई। यह लोकतंत्र के ऊपर सीधा प्रहार है। 52 में से 31 जिला पंचायत सदस्यों ने यह मांग की थी कि यहां पर भरपूर भ्रष्टाचार है, यहां के जिला पंचायत अध्यक्ष पर विश्वास खत्म हो चुका है। 20 अप्रैल को प्रमोद तिवारी ने 28 सदस्यों के साथ आपके समक्ष प्रेस वार्ता की थी और उसमें कहा था कि यह जिले के भ्रष्टाचार को अब नहीं सह सकते और वह कोर्ट गए हैं, जिसके बाद उन्होंने जानबूझकर विघ्न डालने की कोशिश की ताकि कोरम पूरा न हो सके और अविश्वास प्रस्ताव टल जाए, ऐसा ही हुआ है। अब दोबारा एक साल तक कोई प्रक्रिया नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक व्यक्ति की हिमाकत नहीं हो सकती। मात्र विधान परिषद का सदस्य है कानून की धज्जियां नहीं उड़ा सकता। इसमें पूरी बीजेपी की शक्ति लगी और प्रशासन ने सहयोग किया। हमने राज्यपाल को ज्ञापन दिया है और हमें पूरा विश्वास है, उस पर कार्रवाई होगी। लोकतंत्र में अगर कोई लड़ाई लड़नी है तो राजनीतिक तौर पर ही लड़नी पड़ेगी और उसके लिए चुनावी प्रक्रिया श्रेष्ठ है और वही फैसला करती है इन के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने के लिए राज्यपाल को गुहार लगाई है प्रियंका जी ने हमें संबल दिया है कि हम इस लड़ाई को सड़क से लेकर हर स्तर पर लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम लोकतंत्र को ऐसे लोगों के हाथों में नहीं जाने देंगे जो जोर जबरदस्ती से चुने हुए प्रतिनिधियों पर जानलेवा हमला कर सकते हैं। लोकतंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस बड़े से बड़ा आंदोलन करेगी।