गोवा में सरकार का मसला सुप्रीम कोर्ट ले गई कांग्रेस
गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए। याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त करने के राज्यपाल के फैसले को रद्द किया जाए।
वकील देवदत्त कामथ की ओर से दायर याचिका पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलील पेश कर सकते हैं। इसमें केंद्र और गोवा को पक्षकार बनाया गया है। कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।
उधर, गोवा और मणिपुर में भाजपा के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि खंडित जनादेश की स्थिति में बहुमत वाले गठबंधन के नेता को न्योता देने में राज्यपाल संवैधानिक रूप से सही हैं। जेटली ने ट्वीट किया, खंडित जनादेश वाले विधानसभा में यदि विधायकों का बहुमत एक गठबंधन बनाता है तो सरकार गठन के लिए राज्यपाल द्वारा बहुमत वाले गठबंधन को न्योता देना और उसका एक संक्षिप्त अवधि में बहुमत साबित करना संवैधानिक रूप से सही होगा। मणिपुर में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा को 21 सीटें मिली हैं।
एनपीपी और एनपीएफ ने चार..चार सीटें जीती हैं जबकि लोजपा और तृणमूल कांग्रेस को एक...एक सीट मिली है। भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 विधायकों का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया है। वहीं, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता दिया है। उन्होंने रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह कल गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उन्होंने 21 विधायकों का समर्थन होने का कल एक पत्र सौंपा था।
दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव और गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने आज ट्वीट कर कहा कि गोवा में भाजपा की सरकार बनना दरअसल लोकशक्ति पर धनशक्ति की जीत है।