हिंसक हुआ हज हाउस खुलवाने के लिए चल रहा अनशन, 17 लोग हिरासत में
दरअसल, पिछले काफी समय से बंद हज हाउस को खुलवाने के लिए सोमवार को बाहर अचानक प्रदर्शनकारियों की तादाद बढ़ गई और तकरीबन 100 से 150 लोग यहां आकर हज हाउस का दरवाजा तोड़कर अन्दर जाने की कोशिश करने लगे। इसके बाद मौके पर पहुंची भारी पुलिस बल ने लाठीचार्ज कर लोगों को भगाया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस दौरान बड़ी पार्टी के कई नेता भी मौजूद थे। यह प्रदर्शन इतना हिंसक हो उठा कि उन्मादित भीड़ ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर की गाड़ी तोड़ दी। भीड़ ने कथित तौर पर एक महिला कांस्टेबल के साथ दुर्व्यवहार भी किया।
पीटीआई के मुताबिक, सहायक पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने हज हाउस के बाहर नमाज की पेशकश की और बाद में वहां बैठ गए। उन्होंने कहा कि भीड़ ने परिसर के गेट पर लगा ताला तोड़ने का भी प्रयास किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उन्होंने तीन कांग्रेस पदाधिकारियों नसीम खान, पूजा चड्ढा और समीर खान को हिरासत में लिया। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल स्थिति अब नियंत्रण में है।
इससे पहले, मुस्लिम महाभारत और शांति पार्टी ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया था कि हज हाउस को खोला जाना चाहिए।
फिलहाल हज हाउस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात हैं। मौके पर मौजूद पुलिस का कहना है कि अनशन करने की मनाही नहीं है। मगर जब प्रदर्शनकारियों को रोका गया, उसके बाद उन्होंने पुलिस पर ही पथराव कर दिया, जिसके जवाब में उन्हें लाठी का सहारा लेना पड़ा।
गाजियाबाद में हिंडन नदी के किनारे बने इस हज हाउस को एनजीटी ने हटाने का आदेश दिया है। एनजीटी का यह आदेश उस समय आया जब हज हाउस को लेकर एनजीटी में एक याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया है कि ये हिंडन नदी के फ्लड प्लेन में बना है और इसे तोड़ा जाए। एनजीटी के आदेश पर हज हाउस को बंद रखा गया है, लेकिन इसे खोलने को लेकर अक्सर हंगामा होता रहता है। हज हाउस को बंद करने को लेकर एनजीटी के फैसले पर लोगों ने विरोध शुरु कर दिया।
फिलहाल हज हाउस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात हैं। मौके पर मौजूद पुलिस का कहना है कि अनशन करने की मनाही नहीं है। मगर जब प्रदर्शनकारियों को रोका गया, उसके बाद उन्होंने पुलिस पर ही पथराव कर दिया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठी चार्ज किया। पुलिस का कहना है कि 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है और अन्य प्रदर्शनकारियों की तलाश जारी है।
गौरतलब है कि अखिलेश सरकार में इसका उद्घाटन आजम खान और अखिलेश यादव ने गत वर्ष सितंबर माह में किया था। और तब से लेकर अब तक इसके साथ कई तरह के विवाद जुड़े हुए हैं। एनजीटी में भी एक याचिका के बाद इसे खोलने पर रोक लगाई गई थी। सोमवार को हुए हंगामे के बाद पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की है और करीब 17 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।