दिग्विजय सिंह ने कहा, मेरे भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, शिवराज सिंह चौहान ने ली चुटकी
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है, जिससे प्रदेश का राजनीतिक पारा बढ़ना तय है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियों में वो पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करते नजर आ रहे हैं और साफ तौर पर कह रहे हैं, मेरे भाषणों से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं रैलियों में नहीं जाता।
बताया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह का यह वीडियो उस वक्त का है जब वो मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के सरकारी बंगले पर पहुंचे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात पार्टी के कार्यकर्ताओं से हो गई और दिग्विजय सिंह अपनी व्यथा सुनाने लगे।
‘दिग्विजय के बयान का संदर्भ नहीं मालूम मुझे’
दिग्विजय सिंह के इस तरह के बयान पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें बयान का संदर्भ नहीं मालूम। दिग्विजय सिंह के इस बयान को कांग्रेसी खेमे में गुटबाजी के तौर पर देखा जा रहा था।
शिवराज ने ली चुटकी
वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मामले पर चुटकी लेने का मौका गंवाया नहीं। उन्होंने कहा, ‘कम से कम कांग्रेस के लोग अपने नेता की इज्जत करें। मैंने सोचा नहीं था कि कांग्रेस अपने नेता की यह दुर्दशा करेगी’।
दिग्विजय की अनदेखी पर कमलनाथ ने मांगी थी माफी
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं। लेकिन पूरी चुनावी प्रक्रिया में वे अब तक पर्दे के पीछे ही सक्रिय रहे हैं। राज्य के चुनावी अभियान में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रमुख रूप से चुनावी अभियान की कमान संभाले हुए हैं।
कुछ दिनों पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भोपाल में सभा में कार्यक्रम स्थल के बाहर नेताओं के कटआउट लगे थे। इनमें राज्य में दूसरी पंक्ति के नेताओं तक को जगह मिली थी लेकिन दिग्विजय सिंह इन कटआउट से गायब थे। मामला सुर्खियों में आया तो कमलनाथ ने दिग्विजय से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी।
मायावती ने भी दिग्विजय पर साधा था निशाना
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बसपा का गठबंधन नहीं होने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया था। मायावती ने कहा था कि राहुल और सोनिया राज्य में बसपा से गठबंधन चाहते थे लेकिन दिग्विजय जैसे नेताओं के चलते गठबंधन नहीं हो सका।