राम रहीम की पैरोल अपील पर बोले हरियाणा के जेल मंत्री- इसे चुनाव से मत जोड़िए
साध्वी यौन शोषण और पत्रकार छत्रपति हत्याकांड मामलों में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रोहतक सुनारिया जेल से पैरोल मिलना मुश्किल लग रहा है। राम रहीम के जेल से बाहर आने की सबसे बड़ी रुकावट सरकारी रिकॉर्ड बन रहा है। इससे पहले हरियाणा के जेल मंत्री कृष्ण लाल पवार ने राम रहीम की पैरोल की वकालत की थी, जिस पर विवाद हो गया है। उन्होंने कहा है कि दो साल बाद अच्छे आचरण के आधार पर किसी भी कैदी को पैरोल मांगने का हक है। हरियाणा सरकार के इस मंत्री के बयान से सूबे की सियासत गरमा गई है।
बयान पर जेल मंत्री की सफाई
उधर, इस बयान को सियासत से जोड़ने पर मंत्री पवार ने सफाई दी। उन्होंने कहा, 'इसे राजनीति और चुनाव से मत जोड़िए। अगर हमें ऐसा करना होता तो हम लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा करते। पर सरकार की ऐसी कोई सोच नहीं है।'
दरअसल, राम रहीम जरूर जेल में बंद है लेकिन उसके अनुयायियों की संख्या हरियाणा में अब भी लाखों में है। दूसरी तरफ खुद सूबे के मंत्री यह बयान दे रहे हैं कि अच्छे आचरण के आधार पर किसी भी कैदी को परोल मिलने का हक है। ऐसे में इस पर सियासत तेज हो गई है।
खेती करने के लिए पैरोल की मांग लेकिन...
असल में गुरमीत राम रहीम ने प्रशासन से हरियाणा के सिरसा जिले में अपने खेतों में खेती करने के लिए 42 दिन की पैरोल रोहतक जेल प्रशासन से मांगी थी। सरकार ने अर्जी मिलना तो स्वीकार किया है लेकिन कहा है कि इस पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है।
सिरसा जिला प्रशासन को जो रिपोर्ट हरियाणा सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने भेजी है, उसके मुताबिक राम रहीम के नाम पर सिरसा में कोई भी कृषि भूमि नहीं है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डेरे के पास कुल 250 एकड़ भूमि है, लेकिन इस जमीन के रिकॉर्ड पर कहीं भी राम रहीम मालिक या बतौर किसान रजिस्टर्ड नहीं है। माना जा रहा है इस रिपोर्ट के आधार पर राम रहीम की पैरोल की याचिका खारिज की जा सकती है।
गौरतलब है कि रोहतक जेल प्रशासन ने कैदी गुरमीत राम रहीम के संतोषजनक आचरण और नियमों का हवाला देते हुए अर्जी पर फैसला लेने के लिए एक चिट्ठी सिरसा जिलाधीश को भेजी थी।
परिजनों ने गुरमीत से की मुलाकात
वहीं, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल की खबरों के बीच सोमवार को परिजन यहां सुनारिया जेल में मुलाकात करने के लिए पहुंचे। वे करीब 30 मिनट तक यहां रहे और फिर सिरसा रवाना हो गए। डेरा प्रमुख से जेल में मुलाकात के लिए सोमवार और गुरुवार का दिन निर्धारित है। दोपहर के समय राम रहीम की मां नसीब कौर, बेटा जसमीत, बेटी चरणप्रीत और दामाद रूह ए मीत और वकील केवल सिंह बराड़ संदीप कामरान पहुंचे। इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से राम रहीम से मुलाकात कराई गई।
सुनारिया जेल में बंद है राम रहीम
इस दौरान बाकी किसी भी कैदी से उनके परिजनों के मुलाकात पर रोक लगा दी गई। राम रहीम से मुलाकात के बाद परिजन रवाना हो गए। हालांकि यह खुलासा नहीं हो पाया कि राम रहीम और परिजनों के बीच क्या बात हुई है। जेल सूत्रों का कहना है कि डेरा प्रमुख के परोल का मामला फिलहाल सिरसा डीसी के पास है। इसलिए दोनों वकीलों ने इस बारे में चर्चा की है। गौरतलब है कि सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम को रोहतक के सुनारिया स्थित जेल में लाया गया था। तभी से वह इसी जेल में है।