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07 April 2019

देवबंद रैली में ‌दिए मायावती के बयान पर चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान, डीएम ने भेजी रिपोर्ट

File Photo

बसपा सुप्रीमो मायावती के देवबंद में संयुक्त रैली में दिए बयान पर सहारनपुर के डीएम ने रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है। मामले में चुनाव आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए डीएम से रिपोर्ट मांगी थी। फिलहाल मामले को लेकर चुनाव आयोग ने कोई निर्णय नहीं दिया है। इस मामले में भाजपा ने भी चुनाव आयोग से शिकायत की है। फिलहाल, बयान को लेकर बसपा सुप्रीमो की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर बसपा समर्थक कार्रवाई को लेकर चुनाव आयोग पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।

क्या कहा था मायावती ने

बसपा-सपा-रालोद की पहली संयुक्त रैली सहारनपुर जिले के देवबंद में आज हुई थी। पहली बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह एक साथ एक मंच को साझा करते दिखाई दिए। यहां रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने वेस्ट यूपी के मुसलमानों से अपील की कि वे कांग्रेस के झांसे में न आएं और बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट दें। उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम समुदाय को आगाह करती हूं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भाजपा से लड़ने में सक्षम नहीं है। केवल गठबंधन भाजपा से लड़ सकता है। कांग्रेस ये बात जानती है, लेकिन उनका मंत्र है कि हम जीतें या ना जीतें गठबंधन नहीं जीतना चाहिए। उन्होंने ऐसी जाति और धर्म के लोगों को उतारा है, जिससे भाजपा को फायदा हो। बसपा सुप्रीमों के इसी बयान को स्वत: संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने डीएम सहारनपुर से रिपोर्ट तलब की थी।

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भाजपा ने भी की शिकायत

मामले को लेकर शाम को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश चुनाव प्रबंधंन प्रभारी जेपीएस राठौर ने चुनाव आयोग में बसपा सुप्रीमो के देवबंद रैली में दिए गए बयान की शिकायत की। राठौर ने प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखित शिकायत करते हुए कहा कि बसपा सुप्रीमो द्वारा मुसलमानों से एक राजनीतिक दल को वोट न देने की अपील करना धार्मिक उन्माद फैलाने वाला है। साथ ही यह बयान स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव में बाधक और आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन है। भाजपा ने मांग की कि चुनाव आयोग द्वारा कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो।

बसपा समर्थकों में आक्रोश

उधर, मामले के तूल पकड़ने के बाद बसपा समर्थकों ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। कई समर्थकों ने लिखा कि मायावती जी के कार्यकाल में चुनाव हुआ था तो चुनाव आयोग ने पार्कों में लगे हाथियों को ढंकने का आदेश दे दिया था, क्योंकि बसपा का चुनाव चिह्न हाथी था। हर जगह हाथी ढंक दिए गए थे, लेकिन आज भाजपा खुलेआम टीवी चैनल, रेडियो और सड़कों पर होर्डिंग आदि लगाकर योजनाओं का प्रचार किया जा रहा है।

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TAGS: Election commission, bsp supremo, mayawati, dm saharanpur, lok sabha elections
OUTLOOK 07 April, 2019
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