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18 April 2019

मालेगांव ब्लास्ट पीड़ित के पिता ने की शिकायत, 'साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी हो रद्द'

ANI

मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट खासी चर्चा में है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को टिकट दिए जाने के बाद विवाद हो रहा है। मालेगांव ब्लास्ट के एक पीड़ित के पिता ने शिकायत दर्ज कराते हुए उनकी उम्मीदवारी को चुनौती दी है। शिकायत में प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए गए हैं क्योंकि एनआईए कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य कारणों से ही जमानत दी थी।

वहीं, तहसीन पूनावाला ने भी चुनाव आयोग में प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी के खिलाफ अपील की है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि अगर प्रज्ञा ठाकुर स्वस्थ हैं तो उनकी जमानत रद्द की जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से ही उन्हें जमानत मिली थी और अब अगर वह अस्वस्थ हैं तो चुनाव कैसे लड़ रही हैं।

दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा ने दिया टिकट

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फिलहाल जमानत पर चल रहीं प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इसी सीट से कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के उतरने से इस सीट पर रोमांचक मुकाबले की उम्मीद है।

दिग्विजय सिंह की धुर विरोधी

साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है। दिग्विजय सिंह कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने यूपीए सरकार के दौर में 'भगवा आतंकवाद' के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। शायद यही वजह है कि साध्वी प्रज्ञा चुनावी बिसात पर दिग्विजय सिंह को चुनौती देना चाहती हैं।

साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर और दिग्विजय का मुकाबला इसलिए भी दिलचस्‍प होने वाला है क्‍योंकि दिग्विजय 16 साल बाद चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 1993 से 2003 तक लगातार 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह 2003 के बाद से अबतक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में नहीं लड़े हैं।

साध्वी प्रज्ञा के बारे में

साध्वी प्रज्ञा 2007 के आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं लेकिन कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट प्रज्ञा का शुरुआत से ही राष्ट्रवादी संगठनों की तरफ रुझान था। वह आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं।

2008 में चर्चा में आईं प्रज्ञा ठाकुर

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आईं, जब 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया। वह 9 सालों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार 23 दिनों तक यातना दी गई थी।

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TAGS: Father, Malegaon blast, Sadhvi Pragya Thakur, bhopal, lok sabha elections
OUTLOOK 18 April, 2019
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