बुधनी से लेकर शिवपुरी तक, जानें मध्य प्रदेश की इन सात हाई प्रोफाइल सीटों का हाल-चाल
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आज जनता अपना फैसला लिख रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा की सभी 230 सीटों के लिए आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान हो रहा है। अब जनता तय करेगी कि सूबे के सिंहासन में शिवराज कायम रहेंगे या फिर लंबे समय से वनवास झेल रही कांग्रेस के हाथों को बागडोर सौंपी जाएगी। बहरहाल हम आपको उन विधानसभा सीटों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके परिणामों पर सबकी निगाहें टिकी रहने वाली हैं।
बुधनी: शिवराज वर्चेस अरूण यादव
मध्य प्रदेश में बुधनी विधानसभा सीट का मुकाबला सबसे दिलचस्प है। बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव टक्कर दे रहे हैं।
बुधनी विधानसभा में ओबीसी मतदाता निर्णायक हैं, इसी कारण से कांग्रेस की रणनीति यह थी कि सीएम शिवराज को ज्यादा से ज्यादा समय तक बुधनी सीट पर उलझाकर रखा जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में अरुण यादव को राज्य का भविष्य बताया है। नाम ऐलान होने के बाद से ही अरुण यादव बुधनी में जमे हुए हैं।
बता दें कि 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज के खिलाफ डॉ महेंद्र सिंह चौहान को उतारा था। इस दौरान सीएम शिवराज 84 हजार वोटों से जीते थे। शिवराज को 1,28,730 तो वहीं महेंद्र सिंह चौहान को 43,925 वोट मिले थे।
यहां के मतदाताओं ने सियासी उलटफेर के बीच भी शिवराज का साथ कभी नहीं छोड़ा लेकिन समय-समय पर अपनी ताकत का एहसास जरुर कराया है। इस बार मतदाता क्या रुख अपनाते हैं देखना दिलचस्प होगा।
शिवपुरी से सिंधिया
मध्य प्रदेश में दोनों ही पार्टियां चुनावी रण में जीत का प्रण लेकर उतरी हैं और इस प्रण की परीक्षा का एक मोड़ शिवपुरी सीट भी है। यहां सिंधिया परिवार की साख दांव पर लगी है। शिवपुरी से भाजपा के टिकट पर यशोधरा राजे सिंधिया हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए इस जिले में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहे हैं। यशोधरा शिवराज सरकार में मंत्री भी हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर सिद्धार्थ लढ़ा चुनाव लड़ रहे हैं।
अब आखिरी फैसला शिवपुरी की जनता तय करेगी कि बुआ यानी यशोधरा राजे सिंधिया या फिर भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया में उनका नेता कौन है।
इंदौर-3 से विजयवर्गीय
भाजपा ने अपनी पार्टी के महासचिव और दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश को इंदौर-3 से प्रत्याशी बनाया है। यानी विजयवर्गीय के 34 साल के बेटे पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
आकाश के सामने कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन जोशी (58) हैं। जोशी इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके हैं।
राऊ से जीतू पटवारी
राऊ विधानसभा सीट से कांग्रेस के जीतू पटवारी प्रत्याशी हैं। जीतू पटवारी को कांग्रेस का दिग्गज नेता माना जाता है। अक्सर अपने बयानों की वजह से पटवारी चर्चा में रहते हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ मधु वर्मा को टिकट दिया है।
बीते दिनों राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने जनसंपर्क अभियान के दौरान मतदाताओं से कहा था कि वो सिर्फ उनका ख्याल रखें, पार्टी गई तेल लेने।
उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
भोजपुर: पचौरी Vs पटवा
भोजपुर सीट पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि भाजरपा उनके खिलाफ सुरेंद्र पटवा को अपना प्रत्याशी बनाया है। सुरेंद्र पटवा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं।
चुरहट से नेता प्रतिपक्ष मैदान में
मध्य प्रदेश की चुरहट सीट का अनोखा इतिहास रहा है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अर्जुन सिंह चुरहट के ही रहने वाले थे। इसी सीट से अर्जुन सिंह के बेटे और मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के शरतेंदु तिवारी से है. गौरतलब है कि शरतेंदु तिवारी, चंद्र प्रताप तिवारी के पोते हैं जिन्होंने 1967 में अर्जुन सिंह को चुरहट सीट से चुनाव हराया था।
गौर की बहू सुरक्षित रख पाएंगी गोविंदपुरा सीट?
मध्य प्रदेश में भोपाल की गोविंदपुरा सीट भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। बाबूलाल गौर गोविंदपुरा से लगातार 10 बार चुनाव जीत चुके हैं। 89 साल के बाबूलाल गौर इस बार गोविंदपुरा से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इसलिए, मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प हो गया है।
भाजपा की ओर बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को मैदान में उतारा गया है। जबकि कांग्रेस ने इस बार युवा चेहरे गिरीश शर्मा को मैदान में उतारकर गोविंदपुरा में मुकाबला रोचक बना दिया है।