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03 April 2018

दलित आंदोलन पर सरकार-विपक्ष में तकरार, पढ़िए पांच बड़े बयान

अनुसूचित जाति/ जनजाति एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान जमकर हिंसा हुई। इस दौरान कम से कम नौ लोगों की मौत हुई, जबकि कई लोग घायल हुए। एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से किए गए बदलाव को लेकर जहां दलित संगठनों में रोष है वहीं सियासी पार्टियों में भी घमासान मचा हुआ है। विपक्ष जहां केन्द्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ ले रहा है, वहीं सरकार की ओर से सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है। बावजूद इसके ना तो दलित संगठन शांत हो रहे हैं और ना ही नेताओं की बयानबाजी में कोई कमी आ रही है। इस दौरान राजनीतिज्ञों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर कुछ इस प्रकार चला-

1.राजनाथ सिंह

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''हमने एससी/एसटी एक्ट पर आए फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की है। सभी पार्टियों और संगठनों से अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें। हिंसा का रास्ता न अपनाएं। मुझे बेहद दुख है कि देश के कुछ राज्यों में हिंसक घटनाओं में लोगों की जान गईं।''

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2.राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ''दलितों का शोषण करना और उन्हें समाज में निचले पायदान पर रखना भाजपा/संघ के डीएनए में है। जो इस सोच को चुनौती देता है, उसे वो हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन मोदी सरकार से अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं, उन्हें सलाम।''

3.मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा,  “मैं एससी-एसटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शन का समर्थन करती हूं। मुझे पता चला है कि कुछ लोग प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैला रहे हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। इस हिंसा के पीछे हमारी पार्टी नहीं है। जो लोग हिंसा फैला रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”

4.रामविलास पासवान

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, ''दलितों के मुद्दे पर राहुल गांधी को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। पहले वो बताएं कि उनकी पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर के साथ ऐसा क्यों किया, कांग्रेस ने न केवल उन्हें अपशब्द कहे, बल्कि दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। माना कि कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष राजनीति क्यों कर रहा है? कांग्रेस जैसी पार्टियां अंबेडकर को भारत रत्न तक नहीं दिला पाईं और अब वो उनकी समर्थक होने का नाटक कर रही हैं।''

5.भैयाजी जोशी

आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने एक्ट के समर्थन में कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संघ परिवार के खिलाफ विरोधियों ने जहरीला अभियान चलाया, जबकि इससे हमारा कोई लेनादेना नहीं था। संघ हमेशा से जातिगत भेदभाव और शोषण के खिलाफ है। हम सरकार के द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर करने का स्वागत करते हैं।''

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TAGS: Government, Opposition, Dalit Movement, read five big statements
OUTLOOK 03 April, 2018
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