सरकार को कोचिंग संस्थानों को करना चाहिए विनियमित: कन्हैया कुमार
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने शनिवार को सरकार से छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में विभिन्न कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश भर में यूपीएससी, मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण देने वाले निजी कोचिंग संस्थानों की बाढ़ आ गई है, क्योंकि सरकारी संस्थानों की स्थिति अच्छी नहीं है।
कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पिछले कई दिनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि कोचिंग संस्थान छात्रों से फीस वसूल कर उन्हें डॉक्टर और इंजीनियर बनाकर गायब कर रहे हैं। जब भी देश में ऐसी व्यवस्थागत विफलता होती है, तो सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।" उन्होंने दावा किया कि छात्र और आम लोग सरकार और बाजार के बीच पिस रहे हैं।
कुमार ने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों में कार्रवाई करनी चाहिए और झूठ-मूठ की बातें नहीं करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से देश में सरकारी संस्थानों की स्थिति को मजबूत और बेहतर बनाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने आरोप लगाया, "आज देश में सपने बेचे जा रहे हैं और कोचिंग संस्थानों की बाढ़ आ गई है, क्योंकि सरकारी व्यवस्था की स्थिति बहुत कमजोर है।" कुमार ने यह भी दावा किया कि हर घंटे दो छात्र और हर 24 घंटे में करीब 28 छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "जैसे किसानों की आत्महत्या के लिए व्यवस्था जिम्मेदार है, वैसे ही छात्रों की आत्महत्या के लिए भी व्यवस्था जिम्मेदार है। यह व्यवस्था छात्रों को 'प्रेशर कुकर' बना रही है और उन्हें हर दिन सपने बेचे जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कितनी सीटें हैं? परीक्षा पारदर्शी तरीके से कैसे होगी? कितने रोजगार के अवसर पैदा होंगे? ऐसे सवालों पर चर्चा नहीं होती।" कुमार के मुताबिक, रोजगार देने के नाम पर देश में सिर्फ कोचिंग संस्थान खोले जा रहे हैं, जो अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं। उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि देश के सरकारी संस्थानों को बेहतर और मजबूत बनाया जाए, क्योंकि अगर वे कमजोर होंगे तो निजी क्षेत्र का विकास मुश्किल हो जाएगा। देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी, इंजीनियर और डॉक्टर बनाने के कारोबार को विनियमित करना बहुत जरूरी है।"
उन्होंने यह भी मांग की कि देश में सभी खाली पदों को पारदर्शी तरीके से भरा जाना चाहिए। कोचिंग सेंटरों पर युवाओं के शोषण के आरोपों पर, एनएसयूआई प्रभारी कुमार ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही किसी विशेष नौकरी के लिए लगभग 100 रिक्तियां हों, लेकिन लाखों उम्मीदवार कोचिंग सेंटरों की मदद लेने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि रिक्तियां वही रहेंगी, लेकिन निजी कोचिंग सेंटर उन उम्मीदवारों की हताशा का फायदा उठाते हैं जो प्रतियोगिता में सफल होना चाहते हैं।
कुमार ने आरोप लगाया कि अनुचित प्रतिस्पर्धा की संस्कृति बनाने के लिए सरकार और बाजार की ताकतों के बीच सांठगांठ है। एक अन्य उदाहरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कभी-कभी कुछ युवाओं को इन कोचिंग सेंटरों में अन्य असहाय छात्रों को आकर्षित करने के लिए एक करोड़ रुपये का पैकेज मिलने का अनुमान लगाया जाता है। उन्होंने पूछा कि कितने युवाओं को ऐसे पैकेज मिलते हैं।