Advertisement
07 May 2024

हरियाणा: तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने से भाजपा सरकार संकट में, सीएम ने दावों को किया खारिज

file photo

हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार का समर्थन कर रहे कम से कम तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा को झटका लगा है। इससे भाजपा के पास 40 विधायक अस्थायी रूप से विधानसभा में रह गए हैं। सदन की ताकत घटकर 88 रह गई है, बहुमत का आंकड़ा 45 है। लोकसभा चुनावों के बीच इस मामले पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जहां कांग्रेस पर निशाना साधा है तो पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा ने निर्दलीय विधायकों ने सही समय पर सही फैसला लिया है। कांग्रेस के राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा ने कहा है कि नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के मीडिया सेक्रेटरी ने दावा किया है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है।

सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और राज्य कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। विधायकों ने अपने फैसले का कारण किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों का हवाला दिया। गोंडर ने कहा, "हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। हम कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं।" इन विधायकों ने राज्यपाल को सूचित भी कर दिया है।

यह घटनाक्रम भाजपा द्वारा दुष्यन्त चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से नाता तोड़ने के दो महीने बाद आया है, जिसके 10 विधायकों ने 2019 में भाजपा को सरकार बनाने में मदद की थी। तब से कम से कम छह जेजेपी विधायकों ने खुद को चौटाला से दूर कर लिया है।

Advertisement

कांग्रेस, जिसके पास सदन में 30 विधायक हैं, को अब तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 33 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस बीच, कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है और दावा किया है कि मौजूदा सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है।

राज्य कांग्रेस प्रमुख उदय भान ने कहा, “मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की वर्तमान ताकत 88 है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं। बीजेपी सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं.''

भान ने आगे दावा किया कि नायब सिंह सैनी सरकार अब अल्पमत सरकार है और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। भान ने कहा, "सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्हें एक मिनट भी रुकने का अधिकार नहीं है।"

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 07 May, 2024
Advertisement