तेलंगाना में कांग्रेस को भारी नुकसान, ईवीएम में जताया गड़बड़ी का अंदेशा
तेलंगाना में भारी नुकसान की ओर बढ़ती दिख रही कांग्रेस ने मंगलवार को यहां ईवीएम में गड़बड़ी का अंदेशा जताया और मांग की कि वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गणना की जानी चाहिए। तेलंगाना में 7 दिसंबर को चुनाव हुए थे। यहां कांग्रेस ने 99 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे और वह केवल 22 सीटों पर ही आगे चल रही है।
राज्य में टीआरएस की बढ़त बरकरार
टीआरएस के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव गजवेल से जीत गए हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 51,515 वोटों से मात दी है। जबकि एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी ने 80,212 मतों से जीत हासिल की है। वहीं, तेलंगाना के केयरटेकर मंत्री और टीआरएस उम्मीदवार तालासानी श्रीनिवास यादव सनथ नगर निर्वाचन क्षेत्र से 30,217 वोटों से जीत गए हैं।
टीआरएस की आंधी से बौखलाई कांग्रेस
तेलंगाना कांग्रेस कमेटी के राज्य इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, 'मुझे परिणामों पर शक है, हम बैलेट पेपर काउंटिंग में जीत रहे थे। हमें शक है कि हो सकता है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है। वीवीपैट की पर्चियां गिनी जानी चाहिए। कांग्रेस के सभी नेता शिकायत करेंगे। हम लोग इस मामले में चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज करवाएंगे। मतगणना से पहले कैसे टीआरएस नेता कह सकते हैं कि चुनाव में कौन हारेगा।'
हालांकि कांग्रेस के ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप पर टीआरएस सांसद और केसीआर की बेटी के. कविता ने कहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करना नामुमकिन है।
तेलंगाना में परिणाम अप्रत्याशित: भाकपा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने तेलंगाना में चुनावी नतीजों को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘पैसों और शराब का जमकर इस्तेमाल’ किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में के.चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पार्टी का प्रदर्शन ‘तकनीकी जीत है न कि नैतिक।’
भाकपा के महासचिव एस.सुधाकर रेड्डी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के सात दिसम्बर को हुए चुनाव में इस तरह से धराशायी होने की उम्मीद नहीं थी। रेड्डी ने आरोप लगाया, ‘बड़े पैमाने पर पैसा बांटा गया है विशेषकर अंतिम दिन (चुनाव से पहले) वोट खरीदे गए टीआरएस के लिए यही परिणाम होना था।’
उन्होंने कहा,‘सबसे जरूरी यह है कि यह चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से संपन्न नहीं हुआ। पैसे और शराब का जम कर इस्तेमाल किया गया। मैं नहीं मानता कि यह उनके (राव के) लिए कोई नैतिक जीत है। यह टीआरएस के लिए केवल एक तकनीकी जीत है।’ बता दें कि भाकपा, कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थी जिसके अन्य घटक तेदेपा और तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) हैं।
सत्ता में वापसी करती दिख रही टीआरएस
ताजा रूझानों के मुताबिक, 87 सीटों पर बढ़त के साथ यहां सत्तारूढ़ टीआरएस सत्ता में वापसी करती दिख रही है। राज्य में कांग्रेस ने तेलुगु देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति और भाकपा के साथ मिलकर विपक्षी गठबंधन बनाया था। तेदेपा दो सीटों पर आगे है जबकि गठबंधन के सहयोगी अपनी सीटों पर पीछे चल रहे हैं। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कुल 1,821 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।
सात दिसंबर को तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर हुए थे चुनाव
राज्य की 119 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को चुनाव हुए थे और इनमें 73.20 प्रतिशत मतदान हुआ था. तेलंगाना के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और छत्तीसगढ़ की भी मतगणना की जा रही है।