कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए ‘शक्ति’ परियोजना की शुरुआत करेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए मुंबई में एक परियोजना शुरू करने वाले है। इस परियोजना से पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कायम किया जा सकेगा और विभिन्न मुद्दों पर उनकी राय ली जा सकेगी।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस के एक नेता ने शनिवार को इस खबर की जानकारी देते हुए कहा कि राहुल 12 जून को मुंबई के अपने बहुप्रतीक्षित दौरे के दौरान जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और ‘शक्ति’ नाम की परियोजना शुरू करेंगे।
यह एक खास पहल है: संजय निरुपम
मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने एक बयान में कहा कि यह एक खास पहल है। राहुल पार्टी की आधारशिला तैयार करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुखातिब होंगे। उन्होंने कहा कि ‘शक्ति’ परियोजना से न सिर्फ जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से जुड़ने में मदद मिलेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि यदि उनकी कोई शिकायत है तो उनका तत्काल समाधान हो।
राहुल अपने लोगों से हमेशा संपर्क में रहना चाहते हैं: निरुपम
‘शक्ति’ से मुंबई की समस्याओं को सूक्ष्म स्तर पर देखने में भी मदद मिलेगी। पूर्व सांसद निरूपम ने कहा कि राहुल अपने लोगों से हमेशा संपर्क में रहना चाहते हैं और वह मानते हैं कि ‘शक्ति’ परियोजना इस प्रयास में मददगार होगी।
इस तरह कार्य करेगी ये परियोजना
बयान में कहा गया कि इस पहल का मकसद कांग्रेस में दोतरफा संवाद (कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच) कायम करना है। इस परियोजना के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सूचीबद्ध किया जाएगा और फिर उन्हें पार्टी पदाधिकारियों की ओर से मुहैया कराए गए एक फोन नंबर पर एसएमएस भेजना होगा।
राष्ट्रीय स्तर पर चलाई जाएगी ये परियोजना
बयान के मुताबिक, इस परियोजना से आंतरिक तौर पर संवाद का उचित प्रवाह सुनिश्चित हो सकेगा। इससे पार्टी कार्यकर्ता केंद्रीय नेतृत्व को अपने विचारों एवं सुझावों से अवगत करा सकेंगे। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा।
यह परियोजना राष्ट्रीय स्तर पर चलाई जाएगी और 12 जून को मुंबई में इसकी शुरुआत होगी। राहुल अपने मुंबई दौरे के दौरान पार्टी के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करेंगे।
लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले यह परियोजना शुरू की जा रही है। लोकसभा चुनावों में अब एक साल से भी कम का वक्त बचा है।