जम्मू-कश्मीर चुनाव: राजनीतिक परिवारों से कम से कम 13 नए विधायक, जाने किस दल के हैं ये एमएलए
जम्मू-कश्मीर में कम से कम 13 नए निर्वाचित विधायक ऐसे राजनीतिक परिवारों से आते हैं जिनके सदस्य पहले भी चुनाव जीत चुके हैं या लड़ चुके हैं, ऐसे विधायकों की संख्या सबसे ज़्यादा है नेशनल कॉन्फ्रेंस के। विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी नेशनल कॉन्फ्रेंस के बारे में कहा जा रहा है कि वह सरकार बनाएगी और उसने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था।
मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत उमर अब्दुल्ला अब्दुल्ला परिवार से तीसरी पीढ़ी के विधायक हैं। उनके पिता फारूक अब्दुल्ला और दादा शेख मुहम्मद अब्दुल्ला दोनों ही विधायक और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा श्रीनगर के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं। हालांकि उनके दादा गुलाम मोहिउद्दीन कर्रा कभी विधायक नहीं रहे, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस में उनका काफी प्रभाव था, जब तक कि उन्होंने 1954 में शेख मुहम्मद अब्दुल्ला से अलग होकर अपनी पार्टी - पॉलिटिकल कॉन्फ्रेंस नहीं बना ली।
जेकेपीसीसी प्रमुख पहले भी विधायक रह चुके हैं। वे 2014 में श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन घाटी में 2016 की गर्मियों में हुई अशांति के दौरान नागरिकों की हत्याओं के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि, दूसरी पीढ़ी के राजनेताओं में जिस व्यक्ति का राजनीतिक भविष्य उज्ज्वल होने की उम्मीद है, वह हैं सलमान सागर, जो हजरतबल सीट से विधानसभा के लिए चुने गए हैं। सलमान सागर के पिता अली मोहम्मद सागर विधानसभा में सत्ता पक्ष की पहली पंक्ति में बैठेंगे, जिन्होंने लगातार सातवीं बार विधायक के रूप में जीत दर्ज की है - दो बार पूर्ववर्ती बटमालू सीट से और पांच बार खानयार क्षेत्र से।
कश्मीर की जनजातीय राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी मियां अल्ताफ अहमद - जो वर्तमान में अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं - को कंगन से विधायक के रूप में उनके बेटे मियां मेहर अली द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। 67 वर्षीय लोकसभा सदस्य अगर इस साल की शुरुआत में लोकसभा के लिए नहीं चुने जाते, तो वे लगातार छठी बार चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे होते। मियां अल्ताफ अहमद के एक और रिश्तेदार इस बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं। उनके बहनोई जफर अली खटाना कोकरनाग विधानसभा क्षेत्र से चुने गए हैं, जिसे 2022 में परिसीमन के बाद अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद अकबर लोन के बेटे हिलाल अकबर लोन सोनावारी सीट से चुने गए हैं। सीनियर लोन 2002 से 2018 तक तीन बार सोनावारी सीट से सदस्य रहे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक, जो जदीबल विधानसभा क्षेत्र से चुने गए, पूर्व विधायक सादिक अली के बेटे हैं, जबकि उरी से पार्टी के विधायक सज्जाद शफी पूर्व शिक्षा मंत्री मोहम्मद शफी उरी के बेटे हैं। सोपोर विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर जीतने वाले इरशाद रसूल कर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व जेकेपीसीसी प्रमुख गुलाम रसूल कर के बेटे हैं।
श्रीगुफवारा-बिजबेहरा से विधायक बशीर अहमद वीरी पूर्व मंत्री अब्दुल गनी शाह वीरी के बेटे हैं, जबकि लाल चौक से विधायक शेख अहसान अहमद पूर्व एमएलसी शेख गुलाम कादिर परदेसी के बेटे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी)-कांग्रेस गठबंधन के बाहर, त्राल क्षेत्र से जीतने वाले पीडीपी विधायक रफीक अहमद नाइक पूर्व स्पीकर और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अली मोहम्मद नाइक के बेटे हैं और लंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख बारामुल्ला से लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद के भाई हैं।