हरियाणा में विधानसभा इलेक्शन से पहले शैलजा प्रदेशाध्यक्ष, हुड्डा चुनाव समिति के प्रमुख बने
राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने हरियाणा में बड़ा बदलाव किया गया। कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। इससे अशोक तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका लगा है। हालांकि हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता और चुनाव समिति का चेयरमैन बनाया गया है। लेकिन पार्टी अध्यक्ष बनने के उनके मंसूबों पर पानी फिर गया।
संतुलन बनाने का राजनीतिक समीकरण
नई दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कुमारी शैलजा को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चुना गया है। दरअसल, अशोक तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच विवाद चल रहा था। भूपेन्द्र हुड्डा की मांग थी कि अशोक तंवर को हटाया जाए। अशोक तंवर चाहते थे कि राज्य की कमान किसी भी सूरत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ना मिले। इसलिए कांग्रेस ने बीच का रास्ता निकालते हुए कुमारी शैलजा को पार्टी की कमान सौंप दी। कुमारी शैलजा पार्टी का दलित चेहरा हैं। वे अंबाला और सिरसा दोनों जगह से लोकसभा की सांसद रही हैं।
कौन हैं कुमारी शैलजा
कुमारी शैलजा प्रमुख दलित नेता श्री चौधरी दलबीर सिंह की सुपुत्री हैं। दलबीर सिंह भी हरियाणा के अध्यक्ष रहे और केन्द्र में कई बार मंत्री रहे। शैलजा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में की। वह 10वीं लोकसभा के चुनाव में हरियाणा के सिरसा क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। पीवी नरसिंह राव की सरकार में वह शिक्षा एवं संस्कृति मामलों की राज्यमंत्री बनीं।
चुनौतियों के बीच जीती थीं अंबाला से
1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के काफी खराब प्रदर्शन के बावजूद कुमारी शैलजा फिर से सांसद चुनी गईं। 2004 के आम चुनाव में उन्होंने अंबाला लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और केन्द्रीय राज्यमंत्री बनीं। 2009 में भी वह अंबाला सीट से ही दोबारा सांसद बनीं। कुमारी शैलजा ने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अंबाला से चुनाव लड़ा, लेकिन रतन लाल कटारिया से हार गईं। कुमारी शैलजा गांधी परिवार की बहुत नजदीकी मानी जाती हैं।