लालू बोले- नीतीश, सुशील के खिलाफ FIR दर्ज होने तक चैन से बैठने वाले नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने मंगलवार को कहा कि सृजन घोटाले मामले में जब तक नीतीश कुमार और सुशील मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो जाती वे चैन से नहीं बैठेंगे। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और अपने छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव, आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए लालू ने आरोप लगाया कि नीतीश और सुशील को इस घोटाले की पहले से जानकारी थी।
इस दौरान लालू ने पूछा कि नीतीश और सुशील के खिलाफ अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई। सृजन घोटाले को लेकर भागलपुर जिले में 10 सितंबर को आयोजित आरजेडी की रैली को नीतीश के ‘आत्मघाती नुक्कड़ नाटक’ की संज्ञा दिए जाने पर लालू ने कहा कि उनके ‘आत्मघाती’ कहने का हमने यही मतलब निकाला है कि वह चेतावनी दे रहे हैं। अब इस चेतावनी में कौन-कौन लोगों और तत्वों को इस्तेमाल करेंगे, उसका हम मुकाबला करेंगे।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लालू ने एक बार फिर नीतीश पर इस घोटाले की पहले से जानकारी होने और उसे 27 दिनों तक जनता से छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीती 10 जुलाई को भागलपुर प्रशासन का चेक बैंक से लौटने लगा था और यह सिलसिला 29 जुलाई तक चला। उन्होंने कहा कि इस मामले को ‘पब्लिक डोमेन’ में सबसे पहले खुद लाने का दावा करने वाले नीतीश को जनता को यह बताना चाहिए कि उन्होंने 27 दिनों तक इस मामले को छुपाया क्यों।
वहीं, सीएजी की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए लालू ने कहा कि मार्च 2008 की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से सृजन घोटाले का ज़िक्र किया गया है, लेकिन नीतीश ने कोई संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने कहा कि क्या ये रिपोर्ट की रिपोर्ट गलत है।
लालू ने नीतीश पर सृजन मामले को रफा-दफा करने के लिए इसकी जांच का जिम्मा शुरू में सृजन संस्था के कार्यक्रमों में भाग लेने वाले पुलिस पदाधिकारी को सौंपने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें यह पता चल गया था कि अब क्या होने वाला है इसलिए उन्होंने इस दौरान महागठबंधन से नाता तोड़ने से पहले लगातार दिल्ली जाना शुरू कर दिया।
लालू ने कहा कि नीतीश उनके हेडमास्टर नहीं हैं कि उनके निर्देश के अनुसार वो नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि वो राजनीतिक शास्त्र के विद्यार्थी हैं और नीतीश इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे हैं और राजनीतिक पलटी मरने में उन्हें महारथ हासिल है।
साथ ही, तेजस्वी ने भी आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती कि आरजेडी घोटाले को उजागर करे। इस मामले की सीबीआई की निष्पक्ष जांच किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसकी जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट निश्चित तौर पर जाएगी। इस दौरान तेजस्वी ने नीतीश से यह भी पूछा कि उनके उस संकल्प का क्या हुआ जिसमें उन्होंने इस मामले के आरोपियों को पाताल से भी ढूंढ निकाले का दावा किया था।