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21 September 2022

मनीष सिसोदिया मानहानि मामला, बीजेपी नेताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित


उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भाजपा नेता मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता की दो अलग-अलग याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा नेताओं के खिलाफ कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए निजी मानहानि की शिकायत दर्ज की थी।

न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। भाजपा नेताओं ने सिसोदिया द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें और अन्य को आरोपी के रूप में तलब करने के निचली अदालत के 28 नवंबर, 2019 के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने भी राहत से इनकार कर दिया था।

सिसोदिया ने भाजपा नेताओं - सांसद मनोज तिवारी, हंस राज हंस और प्रवेश वर्मा, विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा और विजेंद्र गुप्ता, और भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना के खिलाफ दिल्ली सरकार के स्कूलों की कक्षाएं की संबंध में उनके खिलाफ कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, निचली अदालत में पेश होने के बाद आरोपियों को पहले जमानत दे दी गई थी।

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आप नेता ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में झूठे और मानहानिकारक बयान देने के लिए आईपीसी की धारा 499 और 500 के साथ पठित धारा 34 और 35 के तहत अपराध करने के लिए सीआरपीसी की धारा 200 के तहत शिकायत दर्ज की थी।

सिसोदिया ने कहा था कि भाजपा नेताओं द्वारा संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से लगाए गए सभी आरोप उनकी प्रतिष्ठा और सद्भावना को नुकसान पहुंचाने और नुकसान पहुंचाने के इरादे से झूठे, मानहानिकारक और अपमानजनक थे। गौरतलब है कि अगर दोषी ठहराया जाता है, तो मानहानि के अपराध में अधिकतम दो साल की सजा होती है।

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TAGS: Manish Sisodiya Defamation Case, AAP, Manoj tiwari, Petition, Supreme Court Verdict
OUTLOOK 21 September, 2022
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