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24 April 2019

यासीन मलिक पर बोलीं महबूबा मुफ्ती, प्रज्ञा ठाकुर को रिहा किया गया तो उन्हें क्यों नहीं

ANI

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को 24 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। तिहाड़ जेल अधिकारियों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मलिक को पेश करने का निर्देश देने की मांग की है। कोर्ट ने इस पर बचाव पक्ष के वकील से जवाब मांगा है। उधर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने यासीन मलिक के गिरते स्वास्थ्य के मद्देनजर एक बार फिर उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने की अपील की है। इसके अलावा महबूबा ने जमात-ए-इस्लामी के अन्य सदस्यों को भी रिहा करने की मांग की है। उन्होंने पहले भी यह मांग की थी। इस बार उन्हें भोपाल से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के हवाले से अपनी बात कही।

महबूबा ने इस मांग को दुहराते हुए कहा, 'यासीन मलिक सचमुच बीमार हैं और ऐसे में उन्हें जल्द रिहा कर देना चाहिए। जमात-ए-इस्लामी के अन्य सदस्यों को भी रिहा करना चाहिए। साध्वी प्रज्ञा जिन पर कई गंभीर आरोप हैं, उन्हें रिहा कर दिया गया है।'

मलिक ने की थी सीने में दर्द की शिकायत

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अलगाववादियों और आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद मुहैया कराने संबंधी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए मलिक ने 19 अप्रैल को सीने में दर्द की शिकायत की थी। उन्हें मेडिकल जांच के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेजा गया और नियमित जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी दे दी। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।

उमर अब्दुल्ला ने भी की रिहाई की मांग

पिछले दिनों नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने भी रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि मलिक को एम्स या किसी अन्य उपयुक्त अस्पताल भेजना चाहिए ताकि वहां डॉक्टर उनकी सेहत को ठीक कर सकें। अब्दुल्ला ने फेसबुक पर लिखा था, 'एनआईए जांच कर रही है इसलिए उन्हें समुचित स्वास्थ्य सुविधा देने से या उनके परिवार को उनसे मिलने देने से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर आंतकी मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी जा सकती है तो यासीन मलिक से अलग बर्ताव क्यों किया जा रहा?'

पाकिस्तान ने की थी गिरफ्तारी की आलोचना

उधर, पाकिस्तान ने पिछले दिनों अलगाववादी नेता यासीन मलिक को गिरफ्तार किए जाने पर भारत की आलोचना की। पाक के विदेश कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, 'पाकिस्तान बेबुनियाद आरोपों के आधार पर 22 फरवरी से यासीन मलिक को जेल में बंद किए जाने और उनकी खराब होती सेहत को लेकर कड़ी निंदा करता है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार मलिक की सेहत और समुचित स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करेगी।'

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TAGS: Mehbooba Mufti, Yasin Malik, Sadhvi Pragya
OUTLOOK 24 April, 2019
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