एमपी के इस भाजपा नेता ने माना, उनकी ब्यूरोक्रेसी सबसे भ्रष्ट
दूसरी ओर पार्टी सांसदों ने अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री और अधिकारी सांसदों को पूछते ही नहीं हैं। चूंकि सरकार और मंत्री उन्हें महत्व नहीं देते इसलिए अधिकारी भी उनकी उपेक्षा करते हैं।
संघ की यह बैठक शुक्रवार को समाप्त हुई और इसमें प्रदेश सरकार के मंत्रियों के काम काज की समीक्षा भी की गई। बैठक में संघ ने अपने स्वयंसेवकों के जरिये जुटाए गए फीडबैक को भी सामने रखा और यह चेतावनी दी गई कि जनता में जनप्रतिनिधियों व सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ गया है। पांच सत्रों में हुई बैठक के पहले दो सत्रों में संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी और सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने सांसदों से सुझाव लिए गए। बाद में भैयाजी जोशी ने आपस में फैले गतिरोध को रेखांकित करते हुए कहा कि भाजपा पार्टी विद डिफरेंस है तो वह दिखना भी चाहिए। अभी मध्य प्रदेश में यह नहीं दिख रहा।
बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल भी मौजूद रहे। जो देर रात मुख्यमंत्री के साथ विशेष विमान से दिल्ली रवाना हुए। उनके साथ कैलाश विजयवर्गीय भी गए। बैठक की जानकारी मीडिया को नहीं दी जाए, इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने सभी को कई बार आग्रह किया। मोबाइल भी बंद करके बैठक के बाहर रखवा लिए गए।